शिक्षक भर्तियों की राह खुली
- 60 हजार शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक बनाने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी
- 72825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में भी तेजी आने की उम्मीद
लखनऊ : चुनाव की आदर्श आचार संहिता हटते ही सूबे में शिक्षकों की
भर्तियों की राह खुल गई है। शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक बनाने की
प्रक्रिया अब आगे बढ़ेगी तो बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभागों में
अध्यापकों की नियुक्तियों को भी रफ्तार मिलेगी।
दूरस्थ शिक्षा विधि से दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने वाले शिक्षामित्रों को कैबिनेट ने अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से छूट देते हुए स्थायी शिक्षक बनाने का फैसला किया था। इसके लिए नियमावली में संशोधन हो पाता, उससे पहले ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। कैबिनेट के फैसले का हवाला देते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने निर्वाचन आयोग से नियमावली में संशोधन की अनुमति मांगी थी लेकिन आयोग ने आचार संहिता लागू रहने तक प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्देश दिया था। अब आचार संहिता खत्म होने के साथ ही शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक बनाने का रास्ता साफ हो गया है।
परिषदीय स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में भी तेजी आने की उम्मीद है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीते 25 मार्च को शिक्षकों की नियुक्ति तीन महीने में पूरा करने का अंतरिम आदेश दिया था। अब बेसिक शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया को पूरी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से तीन महीने का समय और मांगा है। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में 8400 एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इनमें 4400 पद पुरुष और 4000 महिला शिक्षकों के पद हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इसके लिए शासन से अनुमति मांगी है। मंजूरी मिलते ही विज्ञापन प्रकाशित कर मंडल स्तर पर यह भर्तियां शुरू की जाएंगी।
दूसरी ओर अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर, पोस्ट ग्रेजुएट टीचर और प्रधानाचार्यो के तकरीबन 7000 पदों के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर आवेदन आमंत्रित किये गए थे। इन पदों पर भर्ती के लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड जल्द ही लिखित परीक्षा आयोजित करेगा। इनके अलावा वर्ष 2011 से लंबित प्रधानाचार्यो के 974 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया में भी तेजी आने के आसार हैं।
दूरस्थ शिक्षा विधि से दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने वाले शिक्षामित्रों को कैबिनेट ने अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से छूट देते हुए स्थायी शिक्षक बनाने का फैसला किया था। इसके लिए नियमावली में संशोधन हो पाता, उससे पहले ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। कैबिनेट के फैसले का हवाला देते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने निर्वाचन आयोग से नियमावली में संशोधन की अनुमति मांगी थी लेकिन आयोग ने आचार संहिता लागू रहने तक प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्देश दिया था। अब आचार संहिता खत्म होने के साथ ही शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक बनाने का रास्ता साफ हो गया है।
परिषदीय स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में भी तेजी आने की उम्मीद है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीते 25 मार्च को शिक्षकों की नियुक्ति तीन महीने में पूरा करने का अंतरिम आदेश दिया था। अब बेसिक शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया को पूरी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से तीन महीने का समय और मांगा है। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में 8400 एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इनमें 4400 पद पुरुष और 4000 महिला शिक्षकों के पद हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इसके लिए शासन से अनुमति मांगी है। मंजूरी मिलते ही विज्ञापन प्रकाशित कर मंडल स्तर पर यह भर्तियां शुरू की जाएंगी।
दूसरी ओर अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर, पोस्ट ग्रेजुएट टीचर और प्रधानाचार्यो के तकरीबन 7000 पदों के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर आवेदन आमंत्रित किये गए थे। इन पदों पर भर्ती के लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड जल्द ही लिखित परीक्षा आयोजित करेगा। इनके अलावा वर्ष 2011 से लंबित प्रधानाचार्यो के 974 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया में भी तेजी आने के आसार हैं।
शिक्षक भर्तियों की राह खुली
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
5:51 AM
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1 comment:
Mritak Aasrito ka bhi karwa dijiye sir Pls.
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