अफसरों के खेल में फंसा टीईटी का रिजल्ट
- रिजल्ट घोषित करने के लिए अफसर नहीं कर रहे संस्तुति
- टीईटी के साढ़े आठ लाख अभ्यर्थी परेशान, लगा रहे कार्यालयों के चक्कर
इलाहाबाद। प्रदेश के प्रशासनिक और शिक्षा विभाग के अफसरों के खेल में साढ़े आठ लाख अभ्यर्थियों का कैरियर फंस गया है क्योंकि सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश इलाहाबाद ने शासन को टीईटी-2014 के तैयार रिजल्ट को घोषित करने की संस्तुति के लिए पत्र लिखा है लेकिन 15 दिन बीत जाने पर भी शासन में बैठे अफसरों ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया है। इससे रिजल्ट घोषित नहीं हो पा रहा है जिससे टीईटी की परीक्षा देने वाले साढ़े आठ लाख अभ्यर्थी परेशान है। वह सचिव परीक्षा नियामक कार्यालय और डायट का चक्कर लगा रहे है लेकिन उनको कोई सही जानकारी नहीं दे रहा है।
टीईटी की परीक्षा 22 और 23 फरवरी को हुई थी। इसमें करीब साढ़े आठ लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने रिजल्ट घोषित करने से पहले कई बार उत्तर की जांच करवाया था। टीईटी का रिजल्ट 27 अप्रैल को घोषित होना था लेकिन लोक सभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद से रिजल्ट फंस गया। प्रदेश सरकार ने रिजल्ट घोषित करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी लेकिन अंत तक कोई निर्देश नहीं आया। उधर, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने भी शासन को रिजल्ट घोषित करने की अनुमति के लिए फिर 15 दिनों पहले पत्र लिखा था लेकिन सोमवार की शाम तक शासन से टीईटी का रिजल्ट घोषित करने की अनुमति नहीं मिली थी। उधर, टीईटी का रिजल्ट घोषित न होने से साढ़े आठ लाख अभ्यर्थी परेशान है क्योंकि जून और जुलाई से परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के नियुक्ति के लिए विज्ञापन आने वाला है। इससे अभ्यर्थी परेशान है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी हो जायेगा तो उनको आवेदन के लिए परेशानी होगी क्योंकि बीटीसी, बीएड सहित अन्य शैक्षिक डिग्रियों के साथ टीईटी का सार्टिफिकेट जरुरी है।
टीईटी की परीक्षा 22 और 23 फरवरी को हुई थी। इसमें करीब साढ़े आठ लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने रिजल्ट घोषित करने से पहले कई बार उत्तर की जांच करवाया था। टीईटी का रिजल्ट 27 अप्रैल को घोषित होना था लेकिन लोक सभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद से रिजल्ट फंस गया। प्रदेश सरकार ने रिजल्ट घोषित करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी लेकिन अंत तक कोई निर्देश नहीं आया। उधर, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने भी शासन को रिजल्ट घोषित करने की अनुमति के लिए फिर 15 दिनों पहले पत्र लिखा था लेकिन सोमवार की शाम तक शासन से टीईटी का रिजल्ट घोषित करने की अनुमति नहीं मिली थी। उधर, टीईटी का रिजल्ट घोषित न होने से साढ़े आठ लाख अभ्यर्थी परेशान है क्योंकि जून और जुलाई से परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के नियुक्ति के लिए विज्ञापन आने वाला है। इससे अभ्यर्थी परेशान है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी हो जायेगा तो उनको आवेदन के लिए परेशानी होगी क्योंकि बीटीसी, बीएड सहित अन्य शैक्षिक डिग्रियों के साथ टीईटी का सार्टिफिकेट जरुरी है।
अफसरों के खेल में फंसा टीईटी का रिजल्ट
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
2:54 PM
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