टीईटी पर मंडरा रहे संकट के बादल
- स्थायी सचिव प्राधिकारी न होने से बढ़ी परेशानी
- परीक्षा समय से न होने पर सात लाख से अधिक अभ्यर्थी होंगे परेशान
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी-2014) पर संकट के बादल छा गये है क्योंकि परीक्षा के लिए स्थायी सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी का पद रिक्त है। इससे परीक्षा के लिए चल रही तैयारियां प्रभावित हो गयी है। अगर टीईटी समय से नहीं हुई तो सात लाख से अधिक अभ्यर्थियों को भारी परेशानी होगी। उनको आने वाले समय में नौकरियों के लिए भारी परेशानी होगी क्योंकि अगर वह टीईटी समय से पास नहीं कर पायेंगे तो परिषदीय विद्यालयों में नियुक्ति के लिए उनको लंबा इंतजार करना पड़ेगा। इसमें बीएड, बीटीसी सहित अन्य वर्ग के बड़ी संख्या में अभ्यर्थी है।
यूपीटीईटी की तैयारियां सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय एलनगंज में शुरू हो गयी थी। प्रश्नपत्रों के निर्माण, परीक्षा केन्द्रों का चयन सहित अन्य तैयारियां चल रही थी। यह तैयारियां तत्कालीन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी श्रीमती नीना श्रीवास्तव की देखरेख में हो रही थी। इसी बीच शासन ने श्रीमती नीना श्रीवास्तव का तबादला उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव पद पर कर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी का अतिरिक्त चार्ज दे दिया है। इससे करीब एक माह से सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय का कार्य प्रभावित हो गया है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में सचिव पद पर इतना अधिक कार्य है कि श्रीमती नीना श्रीवास्तव को अतिरिक्त पद सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के कार्य को ठीक से करने के लिए समय नहीं मिल पा रहा है।
चयन बोर्ड में टीजीटी और पीजीटी के संशोधित रिजल्ट, प्रधानाचायरे का दो जून से इण्टरव्यू और कोर्ट में लंबित सैकड़ों मुकदमों की भी पैरवी करनी पड़ती है। इससे उनको समय नहीं मिल पा रहा है। शासन नये सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी/निदेशक राज्य शिक्षा संस्थान के पद पर नियुक्ति को लेकर गंभीर नहीं है। इससे लाखों अभ्यर्थियों को भारी परेशानी होगी।
टीईटी पर मंडरा रहे संकट के बादल
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
6:20 PM
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