मिड-डे-मील में नहीं मिलेगा कटा फल : तरबूज, पपीता व खरबूज पर रहेगा बैन, सचिव बेसिक शिक्षा ने जारी किए निर्देश
लखनऊ। अब जुलाई के पहले सोमवार से बच्चों को
मिड-डे-मील में फल वितरित किया जाएगा। लेकिन फलों में कटे फल जैसे तरबूज,
पपीता, खरबूजा आदि पर पूरी तरह बैन रहेगा। ऐसा इसलिए है ताकि फलों में किसी
भी तरह के संक्रमण की आशंका न रहे। इसके अलावा बच्चों को किसी भी दशा में
बासी, सड़े-गले व खराब फल नहीं बांटे जाएंगे। सचिव बेसिक शिक्षा अजय कुमार
सिंह ने इस संबंध में जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
सर्वशिक्षा अभियान के तहत बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राइमरी, जूनियर विद्यालयों, राजकीय, सहायता प्राप्त विद्यालयों एवं मदरसा आदि में कक्षा एक आठ तक के बच्चों को गुणवत्तापरक मिड-डे-मील दिए जाने का प्रावधान है। पिछले साल जुलाई में सरकार ने मिड-डे-मील के मेन्यू में परिवर्तन कर बुधवार को बच्चों को दूध देने का प्रावधान किया। अब आगामी जुलाई के पहले सोमवार से बच्चों को मिड-डे-मील में फल देने का निर्णय लिया गया है। राजधानी में करीब 2029 विद्यालयों में पढ़ने वाले दो लाख 35 हजार बच्चों को ताजे देने के निर्देश दिए गए हैं। इस योजना के तहत बच्चों को अमरूद, केला, सेब, संतरा, नाशपाती, चीकू, आड़ू, शरीफा आदि खाने को मिलेगा। लेकिन तरबूज, पपीता और खरबूजा के वितरण पर पूरी तरह से रोक रहेगी। इस योजना को फलाहार वितरण दिवस के रूप में आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।
‘मॉर्निंग स्नैक’ रूप
में मिलेगा फल : योजना के मुताबिक प्रत्येक सोमवार को फल वितरित किया जाएगा।
इसके लिए चार रुपए प्रति फल तय की गई है। फल की व्यवस्था रविवार को ही करने
के निर्देश दिए गए हैं जिससे सोमवार को सुबह विद्यालय में बच्चों केआते ही
‘मॉर्निंग स्नैक’ के रूप में उन्हें फल दिया जा सके। इससे उनमें पठन-पाठन
के पूर्व पर्याप्त मात्रा में कैलोरी मिल सकेगी।
छोटा फल है तो और देना होगा
: मिड-डे-मील में बच्चों को दिए जाने वाले फल का वजन और आकार औसत होना
चाहिए। यदि फल औसत से छोटा है तो उस फल की संख्या बढ़ाकर देने के निर्देश
दिए गए हैं। फल धोकर ही वितरित किए जाएंगे।
मिड-डे-मील में नहीं मिलेगा कटा फल : तरबूज, पपीता व खरबूज पर रहेगा बैन, सचिव बेसिक शिक्षा ने जारी किए निर्देश
Reviewed by Brijesh Shrivastava
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8:36 AM
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