एससी / एसटी शिक्षकों की पदावनति पर समर्थक व विरोधी आमने-सामने, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बेसिक शिक्षा विभाग में पालन न होने पर मुख्यमंत्री से मामले में हस्तक्षेप करने की हुई मांग

लखनऊ : परिषदीय स्कूलों के दलित शिक्षकों को पदावनत किये जाने के मुद्दे पर आरक्षण समर्थक और विरोधी आमने-सामने आ गए हैं। दलित शिक्षकों को पदावनत किये जाने के विरोध में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने सोमवार को बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय में ‘डेरा डालो घेरा डालो’ के तहत धरना प्रदर्शन करने का एलान किया है। वहीं प्रमोशन में आरक्षण का विरोध करने वाली सर्वजन हिताय संरक्षण समिति ने हालात बिगड़ने से पहले मुख्यमंत्री से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि बेसिक शिक्षा निदेशक ने किसी भी दलित शिक्षकों को गलत तरीके से पदावनत न करने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद रायबरेली में 407 दलित शिक्षकों को आरक्षण विरोधी संगठन के दबाव में पदावनत कर दिया गया। यदि दलित शिक्षकों का उत्पीड़न न रुका तो वे हड़ताल पर भी जा सकते हैं। उधर सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के पदाधिकारियों की रविवार को हुई बैठक में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का बेसिक शिक्षा विभाग में पालन नहीं किया जा रहा है। इससे सामान्य व अन्य पिछड़ी जाति के लाखों शिक्षकों में जबरदस्त आक्रोश है।

सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का बेसिक शिक्षा विभाग नहीं कर रहा पालन
सर्वजन हिताय संरक्षण समिति ने की मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग

लखनऊ । सर्वजन हिताय संरक्षण समिति ने बेसिक शिक्षा विभाग में हालात बिगड़ने के पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से प्रभावी हस्तक्षेप करने की मांग की है, जिससे सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार पदोन्नति में आरक्षण व परिणामी ज्येष्ठता का लाभ पाकर पदोन्नति पाए शिक्षकों को पदावनत कर रिक्त पदों पर सामान्य व अन्य पिछड़ी जाति के शिक्षकों की पदोन्नति की जा सके। 


समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का बेसिक शिक्षा विभाग में पालन नहीं किया जा रहा है। जिसके पीछे बेसिक शिक्षा निदेशक की मिलीभगत और पैसे का बड़ा खेल बताया जा रहा है। 


उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार पदोन्नति में आरक्षण और परिणामी ज्येष्ठता का लाभ पाकर पदोन्नति पाए सभी कार्मिकों की पदावनति की जानी है। जिसे प्रदेश के अन्य सरकारी विभागों में काफी हद तक लागू कर दिया गया है किन्तु बेसिक शिक्षा विभाग में यह कार्यवाही नहीं के बराबर हुई है जिससे सामान्य व अन्य पिछड़ी जाति के लाखों शिक्षकों में जबरदस्त आक्रोश है। बताया कि अनुसूचित जाति के बहुत कनिष्ठ शिक्षक बड़ी संख्या में प्रधानाध्यापक के पद पर हैं, जबकि सामान्य व अन्य पिछड़ी जाति के इनसे वरिष्ठ शिक्षक अभी भी पदोन्नति से वंचित हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव के आदेशों का उल्लंघन तो है ही साथ ही सर्वोच्च न्यायालय की खुली अवमानना है।   

एससी / एसटी शिक्षकों की पदावनति पर समर्थक व विरोधी आमने-सामने, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बेसिक शिक्षा विभाग में पालन न होने पर मुख्यमंत्री से मामले में हस्तक्षेप करने की हुई मांग Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 5:48 AM Rating: 5

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