शिक्षा के प्रचार को अब रेडियो कार्यक्रम व जिंगल का सहारा, नामांकन बढ़ाने के लिए मांगे गए सुझाव
लखनऊ
। लाख प्रयासों के बावजूद सरकारी स्कूलों में बच्चे प्रवेश
नहीं ले रहे। लिहाजा अब राज्य सरकार इसके प्रचार-प्रसार के लिए दीवारों पर
लिखवाने, प्रभात फेरी से उठकर जिंगल, रेडियो कार्यक्रम, एसएमएस,
वृत्तचित्र आदि का सहारा लेगी।
इसके लिए सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक जीएस प्रियदर्शी ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों और मण्डलीय शिक्षा अधिकारियों से सुझाव मांगे हैं। इसके लिए अधिकारियों को बताना होगा कि किस तरीके से नामांकन बढ़ाया जाए। वहीं शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, ड्राप आउट रेट घटाने से संबंधित सुझावों के अलावा उन प्रयासों का भी जिक्र करना होगा जो इस मकसद से उनके जिलों में इस्तेमाल किए गए और उनका सकारात्मक परिणाम निकला।
स्कूल चलो अभियान के लिए नए स्लोगन, अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों की सफलता की कहानी, अधिकारियों या पंचायतों द्वारा नए प्रयासों को भी बताना होगा। इसके अलावा जिले के किसी एक अच्छे स्कूल का विवरण भी देना होगा। सभी जिलों को रिपोर्ट 30 मई तक भेजनी है।
इसके लिए सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक जीएस प्रियदर्शी ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों और मण्डलीय शिक्षा अधिकारियों से सुझाव मांगे हैं। इसके लिए अधिकारियों को बताना होगा कि किस तरीके से नामांकन बढ़ाया जाए। वहीं शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, ड्राप आउट रेट घटाने से संबंधित सुझावों के अलावा उन प्रयासों का भी जिक्र करना होगा जो इस मकसद से उनके जिलों में इस्तेमाल किए गए और उनका सकारात्मक परिणाम निकला।
स्कूल चलो अभियान के लिए नए स्लोगन, अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों की सफलता की कहानी, अधिकारियों या पंचायतों द्वारा नए प्रयासों को भी बताना होगा। इसके अलावा जिले के किसी एक अच्छे स्कूल का विवरण भी देना होगा। सभी जिलों को रिपोर्ट 30 मई तक भेजनी है।
शिक्षा के प्रचार को अब रेडियो कार्यक्रम व जिंगल का सहारा, नामांकन बढ़ाने के लिए मांगे गए सुझाव
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
8:40 AM
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