जल्द जारी होगी शिक्षकों की तबादला नीति, अंतर जनपदीय तबादलों में सभी को मौका मिलने के आसार कम
किन जिलों के लिए मांग सकेंगे तबादला इसकी संख्या होगी तय
राज्य
ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश की तबादला नीति पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद
अब प्राथमिक शिक्षकों की तबादला नीति जारी होने जा रही है। बेसिक शिक्षकों
के तबादले जून में ही होंगे। बेसिक शिक्षा परिषद ने जो प्रस्ताव कुछ माह
पहले भेजा था, उस पर अगले सप्ताह मुहर लगेगी। तबादलों के नियम-निर्देश भी
जारी होंगे। उसी के तहत शिक्षक आवेदन कर सकेंगे। इस बार अंतर जनपदीय तबादले
होना लगभग तय है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक शिक्षकों के तबादलों का सिलसिला शुरू होने जा रहा है। परिषद इसका खाका कई माह पहले ही खींच चुका है, उसी के प्रस्ताव पर कुछ हेरफेर करके मुहर लगना है। ऐसे संकेत हैं कि सरकार भी चुनावी वर्ष में शिक्षकों को मनचाही तैनाती देने में कोई अड़ंगा नहीं डालना चाहती। दरअसल, 2015 में पंचायत चुनाव का शोर थमते ही बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में तबादलों की आहट सुनाई देने लगी थी। साथ ही शिक्षक बीते साल में जिले के अंदर होने वाले तबादलों की नीति में संशोधन चाहते थे। उनकी मांग इसे अंतरजनपदीय किया जाना रहा है।
ज्ञात हो कि बीते सितंबर में जिले के अंदर तबादला करने पर शासन ने मुहर लगा दी थी और यह प्रक्रिया पूरी होने वाली थी, तभी पंचायत चुनाव के नाम पर उसे रोक दिया गया था। पिछले रिकॉर्ड को देखे तो हर बार शैक्षिक सत्र के मध्य में ही तबादले होते रहे हैं। इस बार गर्मी की छुट्टियों में तबादले होने जा रहे हैं और लंबे अंतराल के बाद अंतर जनपदीय तबादले होने हैं, इसका लाभ सभी शिक्षकों को मिलने के आसार कम है, बल्कि किन-किन जिलों के लिए वह आवेदन कर सकते हैं इसका जिक्र नीति में होगा। यह वही जिले होंगे, जहां शिक्षकों की कमी है, जिन जिलों में शिक्षकों की तादाद अधिक है, उनके नाम भी घोषित होने की उम्मीद है। मसलन, लखनऊ, उन्नाव आदि। तैयारी है कि किस जिले में कितने शिक्षकों का तबादला हो सकता है इसकी संख्या भी दी जाए और उसमें वरिष्ठ शिक्षकों को पहले मौका दिए जाने के आसार हैं। दूसरे जिले में जाने पर वरिष्ठता जाने के साथ ही अनुभव भी शून्य हो जाता रहा है। ऐसे में तैयारी है कि भले ही वरिष्ठता जाए, लेकिन शिक्षक का अनुभव जरूर जोड़ा जाए। तबादला नीति 20 मई के आसपास जारी होने के आसार हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक शिक्षकों के तबादलों का सिलसिला शुरू होने जा रहा है। परिषद इसका खाका कई माह पहले ही खींच चुका है, उसी के प्रस्ताव पर कुछ हेरफेर करके मुहर लगना है। ऐसे संकेत हैं कि सरकार भी चुनावी वर्ष में शिक्षकों को मनचाही तैनाती देने में कोई अड़ंगा नहीं डालना चाहती। दरअसल, 2015 में पंचायत चुनाव का शोर थमते ही बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में तबादलों की आहट सुनाई देने लगी थी। साथ ही शिक्षक बीते साल में जिले के अंदर होने वाले तबादलों की नीति में संशोधन चाहते थे। उनकी मांग इसे अंतरजनपदीय किया जाना रहा है।
ज्ञात हो कि बीते सितंबर में जिले के अंदर तबादला करने पर शासन ने मुहर लगा दी थी और यह प्रक्रिया पूरी होने वाली थी, तभी पंचायत चुनाव के नाम पर उसे रोक दिया गया था। पिछले रिकॉर्ड को देखे तो हर बार शैक्षिक सत्र के मध्य में ही तबादले होते रहे हैं। इस बार गर्मी की छुट्टियों में तबादले होने जा रहे हैं और लंबे अंतराल के बाद अंतर जनपदीय तबादले होने हैं, इसका लाभ सभी शिक्षकों को मिलने के आसार कम है, बल्कि किन-किन जिलों के लिए वह आवेदन कर सकते हैं इसका जिक्र नीति में होगा। यह वही जिले होंगे, जहां शिक्षकों की कमी है, जिन जिलों में शिक्षकों की तादाद अधिक है, उनके नाम भी घोषित होने की उम्मीद है। मसलन, लखनऊ, उन्नाव आदि। तैयारी है कि किस जिले में कितने शिक्षकों का तबादला हो सकता है इसकी संख्या भी दी जाए और उसमें वरिष्ठ शिक्षकों को पहले मौका दिए जाने के आसार हैं। दूसरे जिले में जाने पर वरिष्ठता जाने के साथ ही अनुभव भी शून्य हो जाता रहा है। ऐसे में तैयारी है कि भले ही वरिष्ठता जाए, लेकिन शिक्षक का अनुभव जरूर जोड़ा जाए। तबादला नीति 20 मई के आसपास जारी होने के आसार हैं।
जल्द जारी होगी शिक्षकों की तबादला नीति, अंतर जनपदीय तबादलों में सभी को मौका मिलने के आसार कम
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:32 AM
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