15 हजार भर्ती में बीएसए की कार्यशैली से हुई परिषद की किरकिरी, एक ही अभ्यर्थी के कई बार नाम सूची में होने के चलते प्रथम सूची संशोधित करने एवं 17 जून को फिर से काउंसिलिंग का निर्देश जारी
इलाहाबाद : शिक्षकों की भर्ती जैसे अहम कार्य में भी बेसिक शिक्षा अधिकारी गंभीर नहीं है। स्पष्ट निर्देशों के बाद भी उनके मनमाने कार्य से बेसिक शिक्षा परिषद के साथ ही सूबाई सरकार की भी किरकिरी हुई है। प्रदेश के दस जिलों को छोड़कर बाकी लगभग सभी ने आंख मूंदकर कटऑफ सूची बनाकर जारी कर दी।
काउंसिलिंग के समय से शुरू हुई नाराजगी बुधवार को परिषद मुख्यालय तक जारी रही। आखिरकार परिषद सचिव संजय सिन्हा ने अर्ह युवाओं को मौका देने के लिए फिर से 17 जून को काउंसिलिंग कराने का निर्देश दिया है। इस पर अभ्यर्थी गदगद हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया नौ दिसंबर 2014 को शुरू हुई थी। उसके बाद से चार बार आवेदन लिए गए। साथ ही परिषद के निर्देश पर 2015 में एक बार काउंसिलिंग भी हो चुकी है। बार-बार आवेदन लेने में ऐसे बड़ी संख्या में अभ्यर्थी जिन्होंने कई बार आवेदन कर दिया। इसका पूरा एक्सल डाटा एनआइसी से परिषद को मिला और यहां से जिलों को इस निर्देश के साथ भेजा गया कि पुराने एवं नए डाटा को ठीक से मर्ज कर लिया जाए। पहली काउंसिलिंग में उन्हीं अभ्यर्थियों का कटऑफ जारी किया जाए जिन्होंने उस जिले को वरीयता दी है। वहीं दूसरी काउंसिलिंग में सभी जिलों के अभ्यर्थी बुलाने का निर्देश था। इस निर्देश के बाद भी अधिकांश जिलों में एक्सल डाटा को ठीक से मर्ज नहीं किया गया। लिहाजा एक ही अभ्यर्थी ने यदि चार बार आवेदन किया तो उसे चार मानकर बुलाया गया। इससे कटऑफ बढ़ा और उसी जिले के तमाम अर्ह अभ्यर्थी पहली काउंसिलिंग में शामिल ही नहीं हो सके। ऐसी तमाम अनियमितताओं की पूरी फेहरिश्त परिषद मुख्यालय पर अभ्यर्थियों ने सौंपी है।
इस मामले में परिषद सचिव ने सभी जिलों के बीएसए को निर्देश दिया है कि वह प्रथम चयन सूची का परीक्षण कराएं और यदि एक से अधिक बार किसी अभ्यर्थी का नाम चयन सूची में है तो ऐसे अभ्यर्थियों के स्थान पर उसी जिले में आवेदन करने अर्ह अभ्यर्थियों को शामिल करें। यही नहीं इन अभ्यर्थियों की प्रथम काउंसिलिंग 17 जून को फिर से कराई जाए इसमें अभिलेखों का परीक्षण कराएं।
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