स्कूलों में 15 जुलाई से बंटेगी दो सेट यूनीफॉर्म, 30 अगस्त तक पूरा करना होगा वितरण का काम, खरीदने और बांटने का जिम्मा एसएमसी पर, शासनादेश जारी
लखनऊ : प्रदेश के राजकीय, परिषदीय व सहायताप्राप्त प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों, सहायतित माध्यमिक विद्यालयों से संबद्ध प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों और सहायताप्राप्त मदरसों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को चालू शैक्षिक सत्र में सरकार की ओर से मुफ्त में दी जाने वाली दो सेट यूनीफॉर्म 15 जुलाई से बंटना शुरू हो जाएगी। वितरण का कार्य विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) के जरिये किया जाएगा और 30 अगस्त तक सभी बच्चों को यूनीफॉर्म बांटने का काम पूरा करना होगा। मुख्य सचिव आलोक रंजन ने इस बारे में मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को शासनादेश जारी कर दिया है।
खरीदने का जिम्मा चार सदस्यीय क्रय समिति को :
यूनीफॉर्म खरीदने के लिए विद्यालय प्रबंध समिति बैठक कर एसएमसी अध्यक्ष की अध्यक्षता में चार सदस्यीय क्रय समिति बनाएगी। क्रय समिति विद्यालय की उपस्थिति पंजिका के आधार पर बच्चों की संख्या तय करेगी और उसी आधार पर यूनीफॉर्म खरीदी जाएगी। बीस हजार रुपये या उससे अधिक अनुमानित व्यय होने पर कोटेशन और एक लाख रुपये या उससे ज्यादा खर्च होने पर टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से यूनीफॉर्म खरीदी जाएगी।
नाप के अनुसार हो यूनीफॉर्म :
क्रय समिति कोटेशन या टेंडर के साथ यूनीफॉर्म का एक-एक नमूना भी लेगी। एसएमसी कपड़े धोने के साबुन से नमूने को धुलवाएगी और उसकी गुणवत्ता से संतुष्ट होने पर नमूने को मंजूरी देगी। यूनीफॉर्म बच्चों की नाप के अनुसार होनी चाहिए। प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय में प्राप्त यूनीफॉर्म का विवरण भौतिक परीक्षण के बाद स्टॉक रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा तथा एसएमसी की बैठक बुलाकर यूनीफॉर्म दिखायी जाएगी और सभी सदस्यों के हस्ताक्षर प्राप्त किये जाएंगे।
निगरानी के लिए कमेटी :
यूनीफॉर्म की गुणवत्ता और उसके वितरण की निगरानी के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित की गई है। इस समिति के सामने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी यूनीफॉर्म वितरण के लिए छात्र संख्या की सत्यापन रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। जिला स्तरीय समिति द्वारा गठित टास्क फोर्स यूनीफॉर्म वितरण की तारीख से एक हफ्ते के अंदर स्कूल का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करेगी। निरीक्षण के आधार पर टास्क फोर्स अपनी रिपोर्ट जिला स्तरीय समिति को देगी।
गड़बड़ी मिलने पर होगी रिकवरी :
निरीक्षण के दौरान नमूना न मिलने या नमूने के अभाव में भुगतान किये जाने की स्थित में संबंधित प्रधानाध्यापक और एसएमसी अध्यक्ष के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर भुगतान की धनराशि की पूर्ण रिकवरी की कार्यवाही खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा की जाएगी। इसकी सूचना जिला स्तरीय समिति को भी दी जाएगी। यूनीफॉर्म की गुणवत्ता खराब पाये जाने या फर्जी संख्या दिखाकर वास्तविकता से अधिक वितरण दिखाने तथा नगद भुगतान करने से जुड़ीं शिकायतें सही पाये जाने पर एसएमसी के अध्यक्ष और संबंधित प्रधानाध्यापक/प्रभारी अध्यापक के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर उनसे व्यय धनराशि की वसूली करायी जाएगी। प्रधानाध्यापक/ प्रभारी अध्यापक/खंड शिक्षा अधिकारी/जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ वृहद दंड दिये जाने की कार्यवाही जिलाधिकारी द्वारा की जाएगी।
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