ग्रामीण से नगर हुए गलत अंतर्जनपदीय स्थानांतरण होंगे निरस्त, बीएसए और बीईओ द्वारा की गई लापरवाही पर मांगी एडी बेसिक से तीन दिन में रिपोर्ट
इलाहाबाद : शिक्षकों के अंतर जिला तबादले में हेराफेरी करने वाले शिक्षकों पर शिकंजा कस गया है। जिन शिक्षकों ने तथ्यों को छिपाकर ग्रामीण से नगर क्षेत्र में तबादला करा लिया है उन सभी के स्थानांतरण निरस्त होंगे। अभिलेख जांचने में अनदेखी करने वाले खंड शिक्षा अधिकारी एवं बेसिक शिक्षा अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। परिषद सचिव संजय सिन्हा ने मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशकों से ऐसे शिक्षकों की सूची एवं लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई करने का प्रस्ताव तीन दिन में मांगा है।
बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों का तीन वर्ष बाद अंतर जिला तबादला हुआ है। इसमें शिक्षकों ने स्थानांतरण कराने के लिए सारी हदें पार कर दी। जो शिक्षक ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात थे, उन्होंने नियम विरुद्ध जाकर नगर क्षेत्र के लिए आवेदन किया और तथ्यों में हेराफेरी करके उसका अनुमोदन भी करा लिया। खंड शिक्षा अधिकारियों ने एवं बीएसए ने भी इस ओर ध्यान दिए बगैर काउंसिलिंग में उसका सत्यापन कर दिया।
दैनिक जागरण ने ‘गांव से निकले और शहर में तैनात’ शीर्षक खबर बुधवार को यह हेराफेरी उजागर की तो अफसर हरकत में आए। जिलों में शिक्षकों को कार्यमुक्त करने एवं कार्यभार ग्रहण कराने में अब और सघन जांच शुरू हो गई है, ताकि कोई ऐसा शिक्षक रिलीव न हो जाए, जिसका स्थानांतरण नहीं होना चाहिए था। परिषद सचिव ने इस संबंध में बुधवार को मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशकों को पत्र भेजा है। इसमें लिखा है कि जिन शिक्षकों की गलत प्रविष्टियों का सुधार बीएसए को काउंसिलिंग में करना था। इन त्रुटियों के लिए बीएसए एवं खंड शिक्षा अधिकारी ही पूरी तरह से उत्तरदायी हैं।
सचिव ने निर्देश दिया है कि अपने मंडल के तहत जिलों के तबादलों का गहनता से परीक्षण करा लें। जिन शिक्षकों ने हेराफेरी करके तबादला करा लिया उन्हें कार्यमुक्त न किया जाए।
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