परिषदीय स्कूलों में हो रही भर्तियों की तैयारी, शासन ने जिलों से मांगी रिपोर्ट, आरटीई के तहत शिक्षकों की आवश्यकता का हो रहा आंकलन
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं। विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्धता की ही रिपोर्ट नहीं मांगी जा रही है, बल्कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कितने शिक्षक होने चाहिए यह जानकारी भी शासन ने तलब की है। बेसिक शिक्षा अधिकारी शिक्षक के खाली पद एवं नवसृजित होने वाले पदों का ब्यौरा तैयार करने में जुट गए हैं।
परिषदीय स्कूलों में लगातार नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन के बाद 72825, उच्च प्राथमिक स्कूलों में 29334 विज्ञान-गणित शिक्षक, उर्दू शिक्षक, 15 हजार सहायक अध्यापक की भर्तियां पूरी हो चुकी हैं, जबकि 16448 शिक्षकों के पदों की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
चुनावी साल में इस प्रक्रिया को शिक्षा महकमा रुकने नहीं देना चाहता है। इस संबंध में विभागीय मंत्री एवं परिषद सचिव संकेत दे चुके हैं। उसी के अनुरूप शासन ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर विद्यालयों में शिक्षकों की अद्यतन स्थिति की जानकारी मांगी है। कहां कितने पद खाली हैं इसका पूरा ब्यौरा तलब किया गया है। यही नहीं शासन ने यह भी जानना चाहा है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के मानक के मुताबिक उनके जिले के एक विद्यालय में कितने शिक्षक होने चाहिए, कितने शिक्षकों की और जरूरत है। ऐसे ही तमाम जानकारियां तलब की गई हैं।
असल में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में खाली पदों की संख्या अब बहुत अधिक नहीं है। इधर के वर्षो में रिक्तियां भरी गई हैं। ऐसे में भर्ती के लिए आरटीई के मानकों का सहारा लिया जा रहा है, ताकि जरूरत पड़ने पर सर्व शिक्षा अभियान के तहत भर्तियां कराई जा सकें। विभागीय अफसरों की निगाह बीएसए की रिपोर्ट पर टिकी है, क्योंकि उसी के अनुरूप ही भर्ती होंगी।
यह जरूर है कि करीब बीपीएड धारकों को जल्द ही नियुक्ति देने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे।
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