निजी स्कूलों की मनमानी रोकने को जिलाधिकारी बुलाएं बैठक, बेतहाशा फीस वृद्धि व अन्य अनियमितताओं पर नकेल कसने के निर्देश
लखनऊ : निजी स्कूलों की ओर से फीस में मनमानी वृद्धि और अन्य अनियमितताएं बरते जाने की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि वे जिला स्तर पर निजी स्कूलों के प्रबंधतंत्र, विद्यार्थियों के अभिभावकों और शिक्षा विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों की बैठकें आयोजित कर समस्याओं का समाधान कराएं। बेसिक शिक्षा निदेशक अजय कुमार सिंह ने बुधवार को इस बारे में जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है।
पत्र में कहा गया है कि विभिन्न बोर्ड से मान्यताप्राप्त निजी स्कूल मान्यता दिए जाते समय लागू की गईं शर्तो का पालन नहीं कर रहे हैं। निजी स्कूल अक्सर फीस में अत्यधिक वृद्धि करते हैं। विद्यालय की ओर से नामित दुकान से ही यूनीफॉर्म व किताबें खरीदने के लिए छात्र-छात्रओं के अभिभावकों पर दबाव बनाते हैं। इससे अभिभावकों में काफी नाराजगी है।
जिलाधिकारियों से गया है कि इन समस्याओं के समाधान के लिए वे जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी या अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तत्काल बैठक आयोजित करें। इस बैठक में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य सहित निजी स्कूलों के प्रबंधतंत्र व विद्यार्थियों के अभिभावकों को बुलाया जाए। कोशिश हो कि यह बैठक नियमित रूप से होती रहे।
फीस के ढांचे का अध्ययन करने के लिए समिति गठित: प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर के निजी स्कूलों की फीस तय करने के मकसद से अन्य राज्यों में लागू व्यवस्था का अध्ययन करने के लिए बेसिक शिक्षा निदेशक ने अपर शिक्षा निदेशक (शिविर) नीना श्रीवास्तव की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित कर दी है। यह समिति हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश व राजस्थान के निजी स्कूलों में शिक्षण व शुल्क से संबंधित नियमों/व्यवस्थाओं का अध्ययन करके 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट बेसिक शिक्षा निदेशक को देगी। बेसिक शिक्षा के संयुक्त सचिव अशोक कुमार गुप्ता, मुरादाबाद के मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक और गाजियाबाद के बीएसए लालजी यादव समिति के सदस्य हैं।
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