उप्र में भर्ती हो चुके 66,000 शिक्षकों से नहीं होगी छेड़छाड़, सुप्रीम कोर्ट ने शैक्षिक योग्यता और टेट के आधार पर हुई नियुक्तियों पर दखल देने से किया इंकार, फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के 66 हजार सहायक शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट से खुशखबरी के संकेत आए हैं। कोर्ट ने गुरुवार को सहायक शिक्षक भर्ती मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि भर्ती हो चुके करीब 66 हजार सहायक शिक्षको को नहीं छेड़ा जाएगा। कोर्ट भविष्य में भर्ती के मानक तय करने पर अपना फैसला सुनाएगा। दूसरी तरफ शिक्षा मित्रों का मामला सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य मामले से अलग कर दिया है और शिक्षा मित्रों के मामले पर कोर्ट दो मई को सुनवाई करेगा। 





यह मामला उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 2011 की सहायक शिक्षक भर्ती योजना का है जिसमें 72825 शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था। भर्तियां हुईं लेकिन 20 नवंबर 2013 को हाई कोर्ट ने शिक्षक योग्यता मानदंडों से जुड़ा राज्य सरकार का 15वां संशोधन रद करते हुए भर्तियां निरस्त कर दी थीं। यह मामला भर्ती मानकों से जुड़ा है। यह होना है कि सहायक शिक्षकों की भर्ती का मानदंड सिर्फ टीईटी होगा या फिर एकेडेमिक मेरिट मानक होगा। इस मामले मे उत्तर प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल व न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने मामले में फैसला सुरक्षित रखते हुए साफ किया कि कोर्ट अभी तक भर्ती हो चुके 66 हजार शिक्षकों को नहीं छेड़ेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि वो अपने अंतरिम आदेश में कोई बदलाव नहीं कर रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील दिनेश द्विवेदी और राकेश मिश्र ने कहा कि टीईटी को शिक्षक योग्यता का एकमात्र मानक नहीं माना जा सकता।


उप्र में भर्ती हो चुके 66,000 शिक्षकों से नहीं होगी छेड़छाड़, सुप्रीम कोर्ट ने शैक्षिक योग्यता और टेट के आधार पर हुई नियुक्तियों पर दखल देने से किया इंकार, फैसला सुरक्षित Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1 on 5:54 AM Rating: 5

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