छात्र संख्या के हेरफेर से समायोजन को बेअसर करने की कोशिश, कई जिलों से पहुंच रहीं शिकायतें

इलाहाबाद : शासन की मंशा को शिक्षक ही पलीता लगाने में जुटे हैं। छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों का समायोजन होना है, इसमें हेरफेर करके अपनों को दूर के स्कूलों में जाने से बचाने की पूरी जुगत की जा रही है। छात्र संख्या बढ़ाने वाले शिक्षक इस बात से बेपरवाह हैं कि आधार कार्ड बनवाने में फर्जी छात्रों को वह कहां से लाएंगे।  कई जिलों में प्रधानाध्यापक व शिक्षकों ने ही इसकी लिखित शिकायतें तक की हैं। वहीं, परिषद की वेबसाइट पर शिक्षकों का डाटा फीड करने का कार्य अब तक अधूरा है।

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों का समायोजन छात्र संख्या के आधार पर होना है। प्राथमिक स्कूलों में 60 छात्रों पर एक प्रधानाध्यापक व एक सहायक अध्यापक की तैनाती होनी है, वहीं छात्र संख्या 61 होते ही दो व 91 होने पर एक स्कूल में तीन सहायक अध्यापक हो सकते हैं। इसका शिक्षक बखूबी लाभ ले रहे हैं।

रायबरेली के प्राथमिक स्कूल बगाही बछरावां इसका उदहारण है। 83 छात्रों पर तीन सहायक अध्यापक कार्यरत हैं, चौथे शिक्षक का समायोजन न होने पाये इसलिए छात्र संख्या 93 लिख दी गई है। ऐसे ही अन्य जिलों में खेल हो रहा है। वहीं, उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए शासनादेश में 35 छात्र पर एक शिक्षक का मानक रहा है लेकिन, वहां का मानक 100 छात्र पर तीन शिक्षक व एक प्रधानाध्यापक तैनाती के निर्देश हुए हैं। छात्र संख्या 101 होने पर चार सहायक अध्यापक होने का प्रावधान है। सचिव परिषद संजय सिन्हा ने कहा है कि गड़बड़ी क्षम्य नहीं होगी, शिकायतों को भी सुलझाया जाए।

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