हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने टीईटी परीक्षा एनसीटीई के दिशानिर्देशों के अनुसार कराए जाने के निर्देश राज्य सरकार को दिए
लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार से वर्ष 2013-14 में की गई भाषा शिक्षकों की नियुक्तियों का विवरण तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीबी भोसले व न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की बेंच ने यह आदेश नूतन ठाकुर की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया।
नूतन ठाकुर के अनुसार, यूपी में भाषा शिक्षकों से संबंधित यूपी-टीईटी परीक्षा राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद् (एनसीटीई) द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार नहीं होने के संबंध में दायर की गई है। याचिका में भाषा शिक्षकों के सभी टीईटी परीक्षा और इनके आधार पर करवाए जा रहे उर्दू शिक्षकों की भर्ती को निरस्त करने की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि न्यायालय ने मामले पर सुनवाई करते हुए भाषा शिक्षकों की वर्ष 2013-14 की नियुक्तियों का ब्योरा तलब किया है। मामले की अग्रिम सुनवाई गुरुवार को होगी।
हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने टीईटी परीक्षा एनसीटीई के दिशानिर्देशों के अनुसार कराए जाने के निर्देश राज्य सरकार को दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीबी भोसले और न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की बेंच ने यह आदेश नूतन ठाकुर की याचिका पर दिया। याचिका में उर्दू व अन्य भाषा शिक्षकों से सम्बंधित उत्तर प्रदेश शिक्षक अर्हता परीक्षा (यूपी-टीईटी) निर्धारित मानदंडों के विपरीत कराए जाने का आरोप लगाया गया था।
हालांकि मामले की सुनवाई करने के उपरांत कोर्ट ने वर्ष 2013-14 में भाषा शिक्षकों से सम्बंधित यूपी-टीईटी परीक्षा एनसीटीई के गाइडलाइंस के अनुसार नहीं होने के कारण भाषा शिक्षकों की भर्ती को निरस्त करने की मांग को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि नियुक्त किए गए शिक्षकों को याचिका में प्रतिवादी नहीं बनाया गया है।
No comments:
Post a Comment