भर्ती नहीं और साल दर साल परीक्षा जारी, शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी की उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शामिल होने वाले 6 लाख अभ्यर्थी अधर में

■  टीईटी में हर साल प्राथमिक से अधिक उच्च प्राथमिक में शामिल होते अभ्यर्थी 

■  नियमावली बदलने के बाद परिषदीय स्कूलों में नियुक्ति की उम्मीद खत्म


 इलाहाबाद : साल दर साल परीक्षा हो रही है। बड़ी संख्या में अभ्यर्थी इसमें शामिल भी हो रहे हैं, लेकिन जिन स्कूलों में शिक्षक बनने की चाहत है। वहां नियुक्ति होने की अब कोई उम्मीद नहीं है, फिर भी अभ्यर्थियों ने आस नहीं छोड़ी है। यह हाल शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी की उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों का है। पिछले माह ही बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों की नियमावली में बदलाव करके स्पष्ट कर दिया गया है कि वहां पर सारे पद पदोन्नति से भरे जाएंगे, कोई सीधी भर्ती नहीं होगी। इसके बाद भी इन स्कूलों के लिए आवेदन लगातार हो रहे हैं। 



परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से हर साल कराई जाने वाली टीईटी में दो तरह की परीक्षाओं का प्राविधान है। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए अलग-अलग आवेदन होता है और एक ही दिन दोनों परीक्षाएं अलग-अलग समय में होती आ रही हैं। आवेदन करने वाले तमाम अभ्यर्थी दोनों परीक्षाओं में दावेदारी करते हैं तो कुछ सिर्फ एक इम्तिहान को ही लक्ष्य कर रहे हैं।  



2011 से लेकर 2016 तक की परीक्षाओं पर नजर डालें तो प्राथमिक से अधिक उच्च प्राथमिक के लिए आवेदन हुए हैं और उनकी सफलता का प्रतिशत भी अधिक है। पहली परीक्षा में ही दो लाख 73 हजार से अधिक अभ्यर्थी सफल हुए थे तो 2014 में एक लाख 23 हजार से अधिक ने सफलता पाई थी। अब तक छह लाख आठ हजार 812 अभ्यर्थी यह परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं। इन आवेदकों को उच्च प्राथमिक स्कूलों की विज्ञान-गणित शिक्षकों की 29334 शिक्षकों की भर्ती में ही नियुक्ति पाने का मौका मिला था। इसके अलावा कोई अन्य भर्ती अब तक नहीं हुई है, खास बात यह है कि विज्ञान-गणित शिक्षकों के भी सारे पद अब तक भरे नहीं जा सके हैं। 



आए दिन शिक्षा निदेशालय में रिक्त पदों को भरने का निर्देश जारी करने के लिए आंदोलन प्रदर्शन हो रहा है। अभ्यर्थियों की संख्या के लिहाज से भी भर्तियां न निकलने पर अभ्यर्थियों ने हार नहीं मानी है, टीईटी 2017 में भी दावेदारों की संख्या प्राथमिक से अधिक होने का ही अनुमान है। बेरोजगारों की ये भीड़ कहां समायोजित होगी, यह सवाल अनुत्तरित है।


भर्ती नहीं और साल दर साल परीक्षा जारी, शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी की उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शामिल होने वाले 6 लाख अभ्यर्थी अधर में Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1 on 6:54 AM Rating: 5

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