आखिरकार परिषदीय स्कूलों में थमा छात्र नामांकन गिरने का सिलसिला, चालू सत्र में छात्र नामांकन में 7.39 लाख का इजाफा, नयी यूनिफॉर्म, जूते-मोजे के अलावा अमान्य स्कूलों के बंद होने का भी असर
लखनऊ : पिछले कुछ वर्षो से निजी स्कूलों से बाजी हारते आ रहे परिषदीय विद्यालयों के लिए यह तसल्लीबख्श खबर है। शैक्षिक प्रतिस्पर्धा में निजी स्कूलों को लगातार आधार खोते जा रहे परिषदीय विद्यालय इस बार न सिर्फ अपनी जमीन बचाने में कामयाब रहे, बल्कि चालू सत्र में उनके छात्र नामांकन में 7.39 लाख का इजाफा हुआ है।
वर्ष 2013-14 से लेकर 2016-17 तक लगातार परिषदीय विद्यालयों के छात्र नामांकन में गिरावट दर्ज हुई है। वर्ष 2013-14 में परिषदीय स्कूलों में जहां 1.70 करोड़ बच्चे नामांकित थे, वहीं 2016-17 में उनकी संख्या घटकर 1.52 करोड़ रह गई। 2015-16 और 2016-17 के बीच तो परिषदीय विद्यालयों में 10.44 लाख बच्चे कम हो गए। छात्र नामांकन में गिरावट का यह ढर्रा चालू शैक्षिक सत्र में थमा जब परिषदीय विद्यालयों का छात्र नामांकन गिरने की बजाय बढ़कर 1.53 करोड़ हो गया।
हकीकत में वर्ष 2017-18 में परिषदीय विद्यालयों में छात्र नामांकन 7.39 लाख बढ़ा। चालू शैक्षिक सत्र में बीती 20 मई को परिषदीय विद्यालयों में छात्र नामांकन घटकर 1,45,86,572 रह गया था। 21 मई से लेकर 30 जून तक परिषदीय विद्यालयों में गर्मी की छुट्टियां थीं। गर्मी की छुट्टियों के बाद चलाये गए स्कूल चलो अभियान के दौरान किये गए विशेष प्रयासों की बदौलत 30 अगस्त तक छात्र नामांकन बढ़कर 1,53,26,492 हो गया।
छात्र नामांकन में आये इस सकारात्मक बदलाव की कई वजहें गिनाई जा रही हैं। अव्वल तो परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को चालू सत्र में नये रंग की यूनिफॉर्म के साथ स्कूल बैग, जूते-मोजे व स्वेटर देने के एलान ने नामांकन बढ़ाने में कुछ असर दिखाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से स्कूल चलो अभियान की कमान खुद संभालते हुए जनप्रतिनिधियों से परिषदीय स्कूलों को गोद लेने का आह्वान किया।
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