डीएलएड (पूर्व बीटीसी) के प्रवेश में इंटरनेट से प्राप्त अंकपत्र मान्य, आवेदन में संशोधन की तारीख के बाद घोषित परीक्षाफल, शैक्षिक अंकपत्र, आरक्षण प्रमाणपत्र प्रवेश के समय स्वीकार्य नहीं
इलाहाबाद : डीएलएड (पूर्व बीटीसी) 2017 में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। कई संस्थानों में अभ्यर्थियों को प्रवेश देने में आ रही दिक्कतों से परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को अवगत कराया गया। ऐसे में उन्होंने डायट प्राचार्यो को नये निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि आवेदन पत्र में संशोधन की अंतिम तारीख के बाद घोषित परीक्षाफल, शैक्षिक अंकपत्र, आरक्षण प्रमाणपत्र प्रवेश के समय स्वीकार्य नहीं होंगे, लेकिन आवेदन की अंतिम तारीख तक इंटरनेट से प्राप्त अंकपत्र को मान्य किया जाता है।
सचिव डा. सुत्ता सिंह ने निर्देश में कहा है कि इंटरनेट का अंकपत्र प्रस्तुत करने वाले अभ्यर्थियों से इस आशय का घोषणापत्र प्राप्त कर लिया जाए कि यदि भविष्य में सत्यापन के समय किसी तरह की विसंगति हुई तो उनका अभ्यर्थन स्वत: निरस्त हो जाएगा। अभ्यर्थियों के शैक्षिक गुणांक के संबंध में कहा गया है कि उनके मूल अभिलेखों के इतर यदि ऑनलाइन आवेदन में त्रुटिपूर्ण मेरिट दर्ज की गई है तो अधिक मेरिट के आधार पर विकल्प की वरीयता के सापेक्ष मिले संस्थान में अभ्यर्थी के वर्ग व श्रेणी में आवंटित अंतिम अभ्यर्थी के कटऑफ के तहत अभ्यर्थी का शैक्षिक गुणांक होने पर उसे प्रवेश दिया जाएगा।
जिन अभ्यर्थियों को कालेज आवंटित हो चुके हैं उन्हें 21 सितंबर तक अभिलेखों की जांच और प्रशिक्षण शुल्क जमा करने का अवसर दिया जाएगा। राजकीय व निजी संस्थानों को पहले चरण के प्रवेश की कार्यवाही 21 सितंबर तक पूरी करनी है। साथ ही वह प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों की सूचना प्रतिदिन वेबसाइट पर देंगे। अन्यथा प्रवेश लेने वाले या न लेने वाले अभ्यर्थियों की सही सूचना न मिलने पर रिक्त सीटें रह जाने के लिए वह खुद जिम्मेदार होंगे।
जिन्हें कालेज आवंटित नहीं वह फिर भरें विकल्प : डीएलएड 2017 के लिए इस समय एक लाख 90 हजार से लेकर तीन लाख रैंक तक वालों से कालेज विकल्प मांगे गए हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने कहा है कि रैंक एक से लेकर तीन लाख तक वाले ऐसे अभ्यर्थी जिन्हें प्रशिक्षण संस्थान का विकल्प भरे जाने के बाद भी कालेज आवंटित नहीं हुआ है वह अभ्यर्थी फिर से ऑनलाइन काउंसिलिंग में नए प्रशिक्षण संस्थान का विकल्प दे सकते हैं।
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