अफसर चाहते तो स्थगित नहीं होती 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा, टीईटी 2017 रिजल्ट के बाद से अपने रुख पर अड़े रहे अफसर
■ टीईटी 2017 रिजल्ट के बाद से अपने रुख पर अड़े रहे अफसर, प्रश्नों का गलत जवाब स्वीकारा, रिजल्ट संशोधन को नहीं थे तैयार
■ पहली लिखित परीक्षा जून, जुलाई में होने की उम्मीद, हाईकोर्ट की डबल बेंच के निर्णय से तय होगा रिजल्ट
■ अफसर चाहते तो स्थगित नहीं होती शिक्षक भर्ती परीक्षा, ओएमआर शीट भी नहीं सुधारी
इलाहाबाद : शिक्षक भर्ती की पहली और सबसे बड़ी लिखित परीक्षा स्थगन की नौबत इसलिए आई क्योंकि अफसर कुछ भी न मानने पर अड़े रहे। जिन अभ्यर्थियों के लिए इम्तिहान कराया जा रहा था, उन्हीं की मांगों को सिरे से खारिज किया गया। टीईटी 2017 रिजल्ट के बाद अनसुनी होने से मजबूर होकर अभ्यर्थी हाईकोर्ट की शरण में गए।
टीईटी 2017 में हजारों अभ्यर्थियों ने ओएमआर शीट में रजिस्ट्रेशन नंबर, रोल नंबर, बुकलेट सीरीज, भाषा आदि के गोलों को गलत भरा या फिर भरा ही नहीं। इससे उनका परिणाम अवैध हो गया। वह प्रत्यावेदन देकर शीट में संशोधन की मांग करते रहे लेकिन, विभाग ने उनको राहत नहीं दी। वहीं, उप्र लोकसेवा आयोग ने पीसीएस प्री 2017 में ओएमआर शीट की गलतियों का संज्ञान लेकर उसे दुरुस्त किया।
■ टीईटी 2017 रही बेहद अहम
सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 को प्राथमिक स्कूलों में तैनात एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन निरस्त किया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि शिक्षामित्रों को नियमित शिक्षक बनने के लिए दो अवसर दिए जाएं। उन्हें वेटेज अंक और आयु सीमा से छूट मिले। तभी टीईटी 2017 कराई जिसमें बीटीसी प्रशिक्षित अभ्यर्थियों संग शिक्षामित्रों ने भी संख्या में दावेदारी की थी।
इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों की सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा अब जून, जुलाई में होने की चर्चा हैं। ऐसे में दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती इस साल हो पाने के आसार नहीं हैं। अभी तो टीईटी 2017 का रिजल्ट क्या होगा, यही तय नहीं है। हाईकोर्ट की डबल बेंच के अंतिम फैसले के बाद उसमें बदलाव होगा। यह जरूर है कि फैसला जल्द आने की उम्मीद है क्योंकि हाईकोर्ट सोमवार से नियमित सुनवाई करेगा।
प्रदेश सरकार ने शीर्ष कोर्ट के निर्णय के बाद शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने के बाद रिक्त हुए एक लाख 37 हजार पदों पर इसी वर्ष भर्ती कराने की तैयारी की थी। कुल रिक्त पदों की आधी सीटों पर 12 मार्च को होने वाली लिखित परीक्षा टलने से दूसरी भर्ती में और देर होगी। वजह यह है कि सरकार को उसके पहले टीईटी 2018 कराना होगा।
■ लिखित परीक्षा के पासिंग मार्क्स व वेटेज अंक चुनौती
सरकार ने शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में पासिंग मार्क्स तय किया है। कुछ अभ्यर्थी इसका विरोध कर रहे हैं। कोर्ट में यह प्रकरण भी उठना तय है। वहीं, शिक्षामित्रों को मिलने वाले वेटेज अंक को लेकर अन्य प्रशिक्षित अभ्यर्थी सहमत नहीं है। यह मुद्दे भी भर्ती में रोड़ा अटका रहे हैं।
■ कोर्ट में सुनवाई के दौरान रिजल्ट : यूपी टीईटी 2017 में प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 349192 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया, उसमें से 276636 परीक्षा में शामिल हुए। उनमें से 47975 (17.34 फीसद) सफल हुए। वहीं उच्च प्राथमिक स्तर पर 627568 अभ्यर्थी पंजीकृत, 531712 परीक्षा में बैठे। उनमें से 41888 (आठ फीसद) सफल हुए। सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने प्रदेश के 1634 परीक्षा केंद्रों पर 15 अक्टूबर को इम्तिहान कराया। उसकी आंसर शीट 18 अक्टूबर को जारी हुई। उस पर हजारों ने आपत्तियां की।
परीक्षा संस्था ने संस्कृत विषय का एक प्रश्न के उत्तर को गलत माना, बाकी को खारिज कर दिया। दो बार आंसर शीट जारी हुई लेकिन, 14 प्रश्नों का जवाब नहीं बदला। इसी को लेकर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल की, जिस पर कोर्ट ने 22 नवंबर को आदेश दिया। अफसरों ने उस आदेश की अनदेखी करके 15 दिसंबर को रिजल्ट जारी कर दिया।
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