बीटीसी 2015 के प्रशिक्षु भी अधर में लटके, तीसरे सेमेस्टर के रिजल्ट में गड़बड़ी से स्क्रूटनी कराने का मामला, संशोधित रिजल्ट आने में देरी से परीक्षा में होगी देर
बीटीसी 2015 के प्रशिक्षु भी अधर में लटके, तीसरे सेमेस्टर के रिजल्ट में गड़बड़ी से स्क्रूटनी कराने का मामला, संशोधित रिजल्ट आने में देरी से परीक्षा में होगी देर
■ तीसरे सेमेस्टर के रिजल्ट में गड़बड़ी से स्क्रूटनी कराने का मामला
■ अब संशोधित रिजल्ट आने में देरी से परीक्षा में होगी देर
इलाहाबाद : परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय इन दिनों रिजल्ट को लेकर घिरा है। अब तक शिक्षक भर्ती का प्रकरण को कोई किनारा नहीं मिल सका है, इसी बीच बीटीसी 2015 तीसरे सेमेस्टर के रिजल्ट में फिर गड़बड़ी उजागर हो गई है। सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने इस गड़बड़ी पर नाराजगी जताने के साथ ही परिणाम की स्क्रूटनी कराने का आदेश सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट को दिया है। इससे बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के शिक्षक भर्ती की दूसरी लिखित परीक्षा में शामिल होने का अरमान पूरा होने के आसार नहीं है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के चार डायटों ने छह अभ्यर्थियों को कुछ विषयों में पूर्णाक से भी अधिक अंक दे दिए हैं। यही नहीं तमाम मेधावी प्रशिक्षुओं का कई विषयों में बैक पेपर आ गया है, जबकि उनकी परीक्षा अच्छी हुई थी। इससे हंगामा मचा है। कुछ प्रशिक्षु तो तीसरे सेमेस्टर में अनुत्तीर्ण हो गए हैं। उनके कड़े विरोध के बाद सचिव ने प्रशिक्षुओं से प्रत्यावेदन लेकर रिजल्ट की स्क्रूटनी कराने का निर्देश दिया है। यह प्रक्रिया बुधवार से डायट मुख्यालयों पर शुरू हो गई है। वहीं, मंगलवार से चौथे सेमेस्टर के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया भी शुरू हुई है।
अब संशोधित रिजल्ट आने तक अभ्यर्थी चौथे सेमेस्टर के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे ऐसे में ऑनलाइन आवेदन की तारीख बढ़ानी होगी, वहीं आठ अक्टूबर से प्रस्तावित चौथे सेमेस्टर की परीक्षा भी बढ़ानी पड़ सकती है। इस आपाधापी में तमाम प्रशिक्षु अगली शिक्षक भर्ती में शामिल होने से चूक सकते हैं। हालांकि सचिव का कहना है कि स्क्रूटनी प्रक्रिया जल्द पूरी करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन करीब 80 हजार प्रशिक्षुओं की कॉपी पर दर्ज अंक जांचने में कम से कम एक सप्ताह का समय लगना तय है। यही नहीं तमाम प्रशिक्षु इस प्रकरण को कोर्ट ले जाने की तैयारी में है और परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर बड़ा आंदोलन छेड़ने की रणनीति बन रही है।
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