चल रहा एक माह से निरंतर आंदोलन, बैक पेपर की परीक्षा पहले कराने की मांग, परीक्षा नियामक कार्यालय में कामकाज ठप : सचिव की गाड़ी के सामने लेटे प्रशिक्षु, देर रात तक कार्यालय व परिसर में रहा हड़कंप
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि यूपीटीईटी 2018 व आगामी शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा की तैयारियों में जुटा परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उप्र का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है। सचिव के कार्यालय से लेकर पूरे परिसर में करीब एक माह से निरंतर आंदोलन चल रहा है और आए दिन तालाबंदी, नारेबाजी और हंगामा जारी है। पुलिस और प्रशासन इस मामले में सिर्फ खानापूरी कर रहा है, आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है।
बीटीसी वर्ष 2015 चौथे सेमेस्टर की परीक्षा का कार्यक्रम घोषित होने के बाद सोमवार को बैक पेपर की परीक्षा पहले कराने की मांग को लेकर सुबह से ही कार्यालय परिसर में सुबह से ही हंगामा और नारेबाजी शुरू हो गई। कई बार सचिव से वार्ता हुई। उनका कहना है कि बीटीसी की परीक्षा सहित अन्य परीक्षाओं का मुख्यमंत्री कार्यालय शेड्यूल तय कर चुका है, उसमें वह कैसे बदलाव कर सकते हैं। उसके पहले अन्य परीक्षा कराने का समय ही नहीं है। इससे भी प्रशिक्षु नहीं माने। दोपहर में डीएलएड द्वितीय सेमेस्टर, शिक्षक भर्ती के पुनमरूल्यांकन की मांग करने वाले भी शामिल हो गए। शाम को सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी के कार्यालय से निकलते ही कुछ प्रशिक्षु उनकी गाड़ी के आगे के लेट गए। इससे किसी तरह से उन्हें हटाया गया। सचिव के जाते ही तालाबंदी और जमकर नारेबाजी हुई
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