23 विश्वविद्यालयों के बीएड कोर्स को पिछली तिथि से मान्यता मिली, हजारों को राहत

23 विश्वविद्यालयों के बीएड कोर्स को पिछली तिथि से मान्यता मिली


बीएड की डिग्री मान्य होने से करीब 30 हजार शिक्षकों और छात्रों को बड़ी राहत


नई दिल्ली : केंद्र और राज्य | सरकार के संस्थानों से टीचर्स | ट्रेनिंग कोर्स करने वाले करीब 30 हजार शिक्षकों और छात्रों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शुक्रवार र को बड़ी राहत दी। इन सभी की डिग्री को अब मान्य कर दिया है। बगैर मान्यता लिए इन कोचों को संचालित करने से एनसीटीई ने इन संस्थानों की डिग्री को अमान्य करदिया था जिससे इन सभी का भविष्य दांव पर लग गया था। इन 30 हजार लोगों में करीब 17 हजार वर्किंग शिक्षक और करीब 13 हजार छात्र शामिल थे।


■  यूपी, उत्तराखंड और बिहार के हजारों शिक्षकों को लाभ 
■  पिछले साल संसद में पारित हुआ था विधेयक 

केंद्र सरकार ने 23 विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों को बीएड, डीईएलएड आदि कोर्स के लिए पिछली तिथि से मान्यता प्रदान कर दी है। इससे इन संस्थानों से 2018 से पहले डिग्री लेने वाले हजारों सेवारत शिक्षकों को राहत मिल गई है। इन विश्वविद्यालयों ने बिना एनसीटीई की मान्यता के पूर्व में ये कोर्स चलाए थे लेकिन बाद में शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने से हजारों शिक्षकों के समक्ष संकट पैदा हो गया था। 


इसी कड़ी में उत्तराखंड के छह महीने के विशिष्ट बीटीसी कोर्स को भी मान्यता मिल गई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी दो अलग-अलग अधिसूचनाओं में विश्वविद्यालयों एवं उनके कोर्स और उसकी अवधि का जिक्र करते हुए उन्हें पिछली तिथि से मान्यता देने का ऐलान किया गया है।


 उत्तराखंड के राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा 2001-2018 के बीच संचालित छह महीने के विशेष बीटीसी पाठ्यक्रम को भी मान्यता प्रदान की दी गई है। जो लोग इस पाठ्यक्रम को पूरा कर शिक्षक बने हैं, अब उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। 


कानून में किया था संशोधन केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालयों को एक बार में पुरानी तिथि से इन कोर्स के लिए साल यह विधेयक संसद में पास हुआ मान्यता प्रदान करने के लिए एनसीटीई कानून में संशोधन किया था। 



शिक्षक कोर्स भी शामिल 
जिन 11 राज्य विश्वविद्यालयों के कोर्स को मान्यता दी गई है, उनमें बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय आरजीएससी मिर्जापुर का बीएड कोर्स है। 2006-07 से 2010-11 के दौरान यहां से किया गया कोर्स अब मान्य होगा। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक, चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी, पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा संचालित शिक्षक कोर्स भी शामिल हैं। 


इसके अलावा जिन 12 केंद्रीय विश्वविद्यालय और संस्थानों के बीएड पाठ्यक्रमों को पिछली तिथि से मान्यता दी गई है, उनमें बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय गया, अमुवि मुर्शिदाबाद केंद्र, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा तथा झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रमुख रूप से शामिल हैं। झारखंड विश्वविद्यालय के बीएड बीएड तथा बीएससी बीएड कोर्स को 20132017 तथा 2015 2019 के लिए मान्यता दी गई है।
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