एक जगह हों प्राइमरी से माध्यमिक तक के स्कूल, उपलब्ध संसाधनों का किया जाये साझा इस्तेमाल, राज्यों को दिया 2025 तक लागू करने का समय
लखनऊ। एक स्कूल कॉम्लेक्स बने जाए जहां प्री प्राइमरी से लेकर 12वीं तक की शिक्षा हो। इसके अलावा 5-10 किलोमीटर के दायरे में स्थित सभी स्कूलों का संचालन वहां के माध्यमिक शिक्षा के स्कूल करें। मकसद यह है कि सभी स्कूलों में उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल बच्चे साझा तौर पर कर पाएं। राज्यों को इसे लागूकरने के लिए 2025 तक का समय दिया गया है। नई शिक्षा नीति में प्री-प्राइमरी से कक्षा 12 तक के लिए स्कूली शिक्षा विभाग बनाने को कहा गया है। हालांकि यूपी के सामने इसे लागू करना बड़ी चुनौती रहेगी। 1964-66 में बनी कोठारी शिक्षा कमेटी कायह सुझाव नई शिक्षा नीति में डाला गया है। 2016-17 में देश में 28 फीसदी प्राइमरी व 14 फीसदी जूनियर स्कूल ऐसे थे जहां 30 से कम बच्चे थे। इनमें कक्षा 1 से 8 तक हर कक्षा में औसतन 14 बच्चे थे। नई शिक्षा नीति में ऐसे स्कूलों के शिक्षकों की क्षमता का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
यूपी में संवर्ग अलग करने की तैयारी : यूपी में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा काडर अलग किया जाएगा। दोनों विभागों मे प्रोन्नति, तबादलों आदि को लेकर अक्सर तलवारें खिची रहती हैं।
“यूपी में शिक्षा व्यवस्था में पिछले कुछ वर्षो में सकारात्मक बदलाव हुए हैं | केन्द्र की तर्ज पर अब राज्य कोभी स्कूली शिक्षा का एक विभाग बनाना चाहिए | इससे हम गुणवत्तापरक शिक्षा दे पाएंगे।"
- कृष्ण मोहन त्रिपाठी, पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक.
एक जगह हों प्राइमरी से माध्यमिक तक के स्कूल, उपलब्ध संसाधनों का किया जाये साझा इस्तेमाल, राज्यों को दिया 2025 तक लागू करने का समय
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
4:27 PM
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