बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन कार्यरत शिक्षक/शिक्षिका कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के संबंध में।

बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन कार्यरत शिक्षक / शिक्षिका कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के संबंध में।



दंड के साथ बहाली पर शिक्षकों को नहीं मिलेगा मूल विद्यालय


निलंबन के बाद जो शिक्षक दंड के साथ बहाल होंगे, उन्हें उनका मूल विद्यालय नहीं मिलेगा। उसकी जगह एकल शिक्षक वाले विद्यालय या सर्वाधिक आवश्यकता वाले विद्यालय आवंटित किए जाएंगे। यदि अध्यापक दोषमुक्त करते हुए बहाल होगा तो उसे पुराने विद्यालय में तैनाती मिले सकेगी।


निलंबन के बाद शिक्षकों की बहाली मनमाने तरीके से नहीं, अब सॉफ्टवेयर के जरिए होगी शिक्षकों की तैनाती

परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की बहाली में अब नहीं हो सकेगी मनमानी


परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का उत्पीड़न अब बंद होगा। निलंबन के बाद शिक्षकों की तैनाती मनमाने तरीके से नहीं की जा सकेगी। निलंबन अवधि पूरी करने के बाद दोषी पाए जाने पर शिक्षकों को सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्कूल आवंटित किया जाएगा। इसके लिए मानव संपदा पोर्टल में परिवर्तन किया जा रहा है। सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्कूल आवंटित होने पर इसमें धांधली की शिकायतों पर भी अंकुश लगेगा।



निलंबित शिक्षकों की दोषमुक्त बहाली नहीं तो बदलेगा विद्यालय, जल्द शुरू होगी ऑनलाइन तैनाती


विभिन्न आरोपों में निलंबित होने वाले परिषदीय शिक्षकों की बहाली अब उनके मूल विद्यालय में आसानी या जुगाड़ से नहीं हो पाएगी। सिर्फ जांच में दोषमुक्त होने वाले शिक्षक ही मूल विद्यालय में तैनात होंगे। बाकी दंड सहित बहाल होने वाले शिक्षकों को ऑनलाइन प्रक्रिया से विद्यालय आवंटित किया जाएगा। शासन से इसके दिशा निर्देश जारी होने के बाद अब निलंबन से बहाल होने वाले शिक्षकों की ऑनलाइन तैनाती प्रक्रिया 15 दिन में शुरू करने की तैयारी शुरू कर दी है।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार जुलाई से दिसंबर तक चले विद्यालयों के निरीक्षण अभियान में गैर हाजिर मिले लगभग 700 से अधिक शिक्षकों का निलंबन हुआ है। इसके अलावा अन्य आरोपों में भी समय-समय पर शिक्षक निलंबित चल रहे हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने निलंबित शिक्षकों के मामलों में स्पष्टीकरण प्राप्त करने के साथ ही जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

कई जगह जांच पूरी हो गई और अब ऐसे शिक्षकों की बहाली के बाद तैनाती के लिए ही शासन ने व्यवस्था निर्धारित की है। इसके तहत यदि संबंधित अध्यापक/अध्यापिका को दोषमुक्त किया गया है तो उसे उसी विद्यालय में तैनाती दी जाएगी, जहां वह निलंबन के समय तैनात था। महानिदेशक के अनुसार एनआईसी से निलंबन के बाद बहाल होने वाले शिक्षकों की तैनाती का सॉफ्टवेयर तैयार करा लिया गया है। शासन की व्यवस्था के तहत जल्द तैनाती प्रक्रिया शुरू होगी और यह व्यवस्था सतत चलेगी।


दंड सहित बहाली में ऐसे होगी तैनाती

- यदि किसी शिक्षक को जांच के बाद उप्र बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी वर्ग नियमावली 1973 के अनुसार दंड संख्या-1 के साथ बहाल किया जाता है तो उसे मूल विद्यालय नहीं मिलेगा। ऐसे शिक्षक को उसी विकासखंड के ऐसे विद्यालय में ऑनलाइन तैनाती दी जाएगी, जहां आरटीई मानकों के अनुसार जरूरत है।

- यदि किसी शिक्षक को जांच के बाद नियमावली के दंड संख्या 2-6 (एक या अधिक) के साथ बहाल किया जाता है तो उसे जिले के शून्य अध्यापक वाले विद्यालय में भेजा जाएगा। यदि शून्य अध्यापक वाला विद्यालय नहीं है तो एकल अध्यापक वाले विद्यालय में भेजा जाएगा। यदि एकल अध्यापक वाला विद्यालय भी नहीं है तो आरटीई मानकों के अनुसार सबसे अधिक आवश्यकता वाले विद्यालय में तैनाती होगी।


बंद होगा मनमानी का खेल

निलंबन के बाद बहाली और ऑनलाइन तैनाती की व्यवस्था न होने से अभी कई जगह गड़बडियों व मनमानी की शिकायतें रहती हैं। पहले तो निलंबन के बाद जांच में बहाली को लेकर उत्पीड़न किया जाता है। बाद में बहाली होने पर तैनाती के लिए अलग से शिक्षक को परेशान किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र में सुदूर तैनात शिक्षक को निलंबित करके बहाल करते हुए सड़क या शहरी क्षेत्र के नजदीक विद्यालय में तैनाती का भी खेल चलता है।



बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन कार्यरत शिक्षक/शिक्षिका कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के संबंध में।



निलंबन के बाद बहाल शिक्षकों के स्कूल आवंटन में नहीं होगा 'खेल

बहाली के बाद दंड के आधार पर साफ्टवेयर से विद्यालय का आवंटन



लखनऊ : परिषदीय विद्यालयों के निलंबित शिक्षक यदि जांच में दोषमुक्त ठहराये जाते हैं तो उन्हें उसी स्कूल में तैनाती दी जाएगी, जिसमें वह निलंबन के समय तैनात थे । यदि शिक्षक जांच के बाद दंड के साथ बहाल किये जाएंगे तो उनकी तैनाती एनआइसी द्वारा विकसित साफ्टवेयर के माध्यम से आवंटित विद्यालय में की जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बारे में मंगलवार को शासनादेश जारी कर दिया है।


शासनादेश के अनुसार यदि शिक्षक उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी वर्ग नियमावली, 1973 के अनुसार दंड संख्या - 1 के साथ बहाल किया जाएगा तो उसे उसी ब्लाक के ऐसे विद्यालय में तैनाती दी जाएगी जहां शिक्षा का अधिकार मानकों के अनुसार कम शिक्षक हों। ऐसे अध्यापकों को आनलाइन साफ्टवेयर के माध्यम से रैंडम आधार पर विद्यालय आवंटित किया जाएगा।

 दंड संख्या-1 के तहत आरोपित अध्यापक की निंदा की जाती है। यदि शिक्षक को उम्र बेसिक शिक्षा परिषद कर्मचारी वर्ग नियमावली के अनुसार दंड संख्या-2 से 6 तक के साथ बहाल किया जाता है तो उसे जिले के शून्य अध्यापक वाले स्कूल में तैनाती दी जाएगी। दंड संख्या 2 से 6 के अंतर्गत वेतन वृद्धि रोकने, निचले वेतनमान पर अवनत करने, वेतन से वसूली आदि शामिल हैं। शून्य अध्यापक वाले विद्यालय न होने की दशा में उन्हें एकल अध्यापक वाले तैनात किया जाएगा।

एकल अध्यापक वाले विद्यालय उपलब्ध न होने पर आरटीई मानकों के अनुसार पदस्थापना की सबसे अधिक आवश्यकता वाले स्कूल में भेजा जाएगा। ऐसे मामलों में शिक्षक को साफ्टवेयर के जरिये रैंडम आधार पर विद्यालय आवंटित किया जाएगा। शासन ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को शिक्षकों के निलंबन की अवधि खत्म होने के बाद उन्हें एनआइसी द्वारा विकसित साफ्टवेयर के माध्यम से स्कूल आवंटित करने के लिए कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।


इससे पहले निलंबित शिक्षकों के बहाल होने पर स्कूलों में उनकी तैनाती को लेकर खंड शिक्षा अधिकारी 'खेल' करते थे। इस दुर्व्यवस्था को समाप्त करने के लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने बहाल किये जाने वाले शिक्षकों की तैनाती में पारदर्शिता लाने के लिए उन्हें विद्यालय का आवंटन साफ्टवेयर से कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा था जिसे मंजूरी दे दी गई है।



निलम्बित शिक्षकों की बहाली में बंद होगा उत्पीड़न का खेल, मानव संपदा सम्पदा के जरिए होगा ऑनलाइन अपडेट 

बहाली के समय दंड की स्थिति में दूसरे ब्लॉक के एकल या शून्य शिक्षक वाले स्कूलों में तैनाती दी जाएगी 

मानव सम्पदा पोर्टल में परिवर्तन के लिए NIC को DGSE का पत्र 


लखनऊ : अब निलम्बन के बाद तैनाती के नाम पर शिक्षकों का उत्पीड़न बंद होगा। निलम्बन के बाद इसे मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा। वहीं बहाली के समय दंड की स्थिति में दूसरे ब्लॉक के एकल या शून्य शिक्षक वाले स्कूलों में तैनाती दी जाएगी। इस संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने एनआईसी को पत्र लिख कर पोर्टल में ये परिवर्तन करने के निर्देश दिए हैं।


उन्होंने कहा है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी जिस दिन निलम्बन का आदेश जारी करेंगे, उसी दिन पोर्टल पर सस्पेंड का ट्रांजेक्शन कर बीएसए द्वारा वेरिफाई किया जाएगा। शिक्षक की सविर्स बुक में इसकी एंट्री स्वत अंकित होगा।


जब शिक्षकों का वेतन बनेगा तब निलम्बन की एंट्री स्वत दिखेगी और अधिकारी को इसके लिए कोई अलग से एंट्री नहीं करनी पड़ेगी। वेतन भुगतान के लिए निलम्बन अवधि का 50, 70 और शून्य फीसदी वेतन का विकल्प भी रहेगा। निलम्बन के बाद बहाली का आदेश भी पोर्टल पर अपडेट किया जाना है। बहाली का विवरण अंकित व वेरिफाई होने के बाद यह सर्विस बुक में स्वत अंकित हो जाएगा।


अभी बहाली में चल रहा है गोरखधंधा

बिना किसी दण्ड के बहाली की स्थिति में उसी विद्यालय में तैनाती दी जाएगी जबकि लघु दण्ड के रूप में उसी ब्लॉक के सबसे अधिक आवश्यकता वाले विद्यालय और दीर्घदण्ड में दूसरे ब्लॉक या जिले के किसी एकल या शून्य शिक्षक वाले स्कूल को चुना जाएगा। यह आवंटित स्कूल संबंधित शिक्षक के बहाली आदेश और सर्विस बुक में स्वत अंकित हो जाएगा। विद्यालय आवंटित करने के लिए शून्य शिक्षक, एकल शिक्षक और दो शिक्षक वाले स्कूलों की सूची होगी।


अभी तक शिक्षकों की बहाली के नाम पर खूब खेल चलता है। आपसी सांठगांठ से शिक्षक खुद निलम्बित होते हैं और बहाली अपने मनचाहे स्कूलों में ले लेते हैं। वहीं कई बार निलम्बन के बाद बहाली के लिए भी शिक्षकों को दौड़ाया जाता है।
बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन कार्यरत शिक्षक/शिक्षिका कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के संबंध में। Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 7:42 AM Rating: 5

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