RTE के तहत जुड़े 4500 नए निजी स्कूल, नए सत्र में दिसंबर से प्रवेश आवेदन शुरू करने की तैयारी
RTE के तहत जुड़े 4500 नए निजी स्कूल, नए सत्र में दिसंबर से प्रवेश आवेदन शुरू करने की तैयारी
लखनऊ। निशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया दिसंबर में शुरू करने की तैयारी आखिरी चरण में है। पिछले साल की अपेक्षा इस बार करीब 4500 निजी स्कूल और बढ़ जाएंगे। विभाग की ओर से आवश्यक अपग्रेडेशन कर पोर्टल को जल्द शुरू करने का काम किया जा रहा है।
आरटीई के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में कक्षा एक व पूर्व प्राथमिक क्लास में हर साल बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से दाखिला दिलाया जाता है। इसी के तहत पिछले साल की तरह इस साल भी दिसंबर से चार सामान्य व एक विशेष कुल पांच चरणों में प्रवेश आवेदन कराने की तैयारी है।
समग्र शिक्षा के उप निदेशक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल आरटीई पोर्टल पर निजी स्कूलों की संख्या बढ़ी है। नए सत्र में 63 हजार से बढ़कर 67500 स्कूल पोर्टल पर मैप किए जा चुके हैं। इस तरह पिछले साल की अपेक्षा करीब 4500 स्कूल बढ़े हैं।
बढ़ जाएंगी करीब 45 हजार सीटें
उन्होंने बताया कि इनके सापेक्ष करीब 45 हजार सीटें बढ़ जाएंगी। वर्तमान सत्र में 1.85 लाख बच्चों को सीट अलॉट की गई थीं और 1.30 लाख से ज्यादा प्रवेश भी हुए थे। उन्होंने बताया कि आवेदन प्रक्रिया का विस्तृत कार्यक्रम जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। सभी जिलों को इसके अनुसार आवश्यक तैयारी व प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए हैं ताकि कार्यक्रम जारी होते ही ज्यादा से ज्यादा प्रवेश आवेदन कराए जा सकें। उन्होंने बताया कि अभिभावकों को आधार कार्ड बनवाने, उनके आधार बैंक खाते से लिंक कराने आदि के लिए जिलों में अभियान चलाया जा रहा है।
दिसंबर के पहले हफ्ते में शुरू होगी RTE अंतर्गत प्रवेश हेतु ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
लखनऊ। निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत शैक्षिक सत्र 2026-27 के लिए आवेदन की प्रक्रिया एक दिसंबर से शुरू होगी। लॉटरी के माध्यम से विद्यार्थियों का चयन दाखिले के लिए किया जाएगा। गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाने के लिए निशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम की शुरूआत की गई है। विद्यालयों में पहली कक्षा में 25 फीसदी सीटों पर गरीब परिवार के बच्चों को प्रवेश दिलाया जाता है। सरकार निजी विद्यालयों को प्रतिपूर्ति के रूप में प्रति विद्यार्थी निर्धारित धनराशि हर माह देती है। बेसिक शिक्षा विभाग गरीब परिवार के बच्चों को आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में प्रवेश दिलाता है।
निजी स्कूलों में 6.5 लाख गरीब बच्चों को प्रवेश दिलाने का लक्ष्य, RTE पोर्टल पर 65 हजार से अधिक निजी विद्यालय किए गए मैप
इस माह के अंत या दिसंबर के पहले सप्ताह में शुरू होगी प्रवेश प्रक्रिया
लखनऊ : निश्शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत शैक्षिक सत्र 2026-27 में निजी स्कूलों में 6.5 लाख गरीब बच्चों को प्रवेश दिलाने का लक्ष्य है। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया नवंबर के आखिर या दिसंबर के पहले सप्ताह में शुरू की जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने आरटीई पोर्टल को सक्रिय करने और अधिकारियों के लागिन-पासवर्ड तैयार कराने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
प्रदेश के 65 हजार से अधिक निजी विद्यालयों की मैपिंग पूरी हो चुकी है। इन विद्यालयों की कक्षा एक और पूर्व प्राथमिक कक्षाओं (नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी) की 25 प्रतिशत में अलाभित समूह और दुर्बल वर्ग के बच्चों को निश्शुल्क प्रवेश मिलेगा। पिछले वर्ष प्रदेश में निजी स्कूलों की कक्षा एक व पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में 3.5 लाख गरीब बच्चों को प्रवेश दिलाने का लक्ष्य था। इस लक्ष्य के सापेक्ष 1.41 लाख बच्चों ने प्रवेश लिया था।
इस बार विभाग का लक्ष्य अधिक से अधिक आवेदन करा कर सभी आरक्षित सीटें भरने का है। प्रवेश में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए इस बार हर जिले में विवाद समाधान समिति बनाई जा रही है। इसकी अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) करेंगे। समिति में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक और खंड शिक्षा अधिकारी शामिल होंगे।
अगर कोई विद्यालय प्रवेश देने से मना करता है, तो अभिभावक अपने पेरेंट्स लागिन से आनलाइन शिकायत दर्ज करा सकेंगे। शिकायत का सात दिन के भीतर निस्तारण करना होगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने अभिभावकों को आवेदन से पहले सभी दस्तावेज तैयार रखने की सलाह दी है।
आरटीई : कम प्रवेश वाले जिलों पर होगा ज्यादा फोकस
लखनऊ। निजी स्कूलों में गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों का ज्यादा नामांकन कराने के लिए इस बार बेसिक शिक्षा विभाग अलग रणनीति से काम करेगा। पिछले वर्ष बहराइच, चित्रकूट, महोबा, कन्नौज और श्रावस्ती आदि जिलों में बहुत कम आवेदन आए थे।
इसकी वजह से इन जिलों में 1000 से भी कम बच्चों का प्रवेश हो सका था। इस साल विभाग कम प्रवेश वाले जिलों पर ज्यादा फोकस करेगा। आरटीई के तहत सभी निजी विद्यालयों में कक्षा एक और पूर्व प्राथमिक कक्षाओं की कुल क्षमता का 25 प्रतिशत सीट दाखिले के लिए सुरक्षित होती है। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसे नवंबर के आखिरी सप्ताह या दिसंबर के पहले सप्ताह से शुरू किया जा सकता है।
इस बार आवेदन और प्रवेश की संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने सभी जिलों में संचालित निजी विद्यालयों की मैपिंग कराई है ताकि आरटीई पोर्टल पर अधिक से अधिक स्कूलों का विकल्प मिल सके।
RTE दाखिले में एक छात्र के नाम पर नहीं हो सकेंगे तीन-चार आवेदन, आवेदन के लिए आधार हुआ अनिवार्य
प्रयागराज, आरटीई के तहत अलाभित और दुर्बल वर्ग के बच्चों के निजी स्कूलों में नि:शुल्क दाखिले के लिए होने वाले आवेदन में इस साल से खेल नहीं हो सकेगा। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार की ओर से आठ सितंबर को जारी संशोधित गाइडलाइन में आवेदन के लिए आधार नंबर को अनिवार्य कर दिया गया है।
लॉटरी के माध्यम से होने वाले प्रवेश का लाभ लेने के लिए पिछले सालों में कई अभिभावक बच्चे के नाम पर तीन-चार ऑनलाइन आवेदन कर देते थे। इससे दूसरे जरूरतमंद बच्चों का हक मारा जाता था।
संशोधित गाइडलाइन के अनुसार आवेदन पत्र में अभिभावक (माता-पिता) अपना एवं बच्चे का आधार कार्ड नंबर अंकित करेंगे जिसके सत्यापन के बाद वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए आधार लिंक बैंक खाते का विवरण प्रदर्शित होगा।
अभिभावक को प्रदर्शित बैंक खातों में से किसी एक का चयन करना होगा। बच्चों को किताब, वर्कबुक और यूनिफार्म आदि के लिए हर साल मिलने वाली पांच हजार की सहायता राशि इसी खाते में भेजी जाएगी।
बच्चों के प्रवेश के लिए वार्षिक लक्ष्य का निर्धारण जिले में संचालित सभी गैर सहायतित निजी विद्यालयों की कक्षा एक अथवा पूर्व प्राथमिक की कुल क्षमता के योग का 25 प्रतिशत निर्धारित किया जाएगा।
आवेदन का होगा द्विस्तरीय सत्यापन
नि:शुल्क दाखिले के लिए प्राप्त आवेदनों का ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से द्विस्तरीय सत्यापन किया जाएगा। सबसे पहले खंड शिक्षा अधिकारी और फिर बीएसए अपने लॉगिन से सत्यापन करेंगे। यही नहीं आवेदनों में संलग्न प्रमाण पत्रों को संबंधित विभाग से ऑनलाइन माध्यम से सत्यापित किया जाएगा। संबंधित विभाग यदि प्रमाण पत्रों को अस्वीकार करते हैं तो आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।
RTE : प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों के प्रवेश पर कड़ी निगरानी
लखनऊ । सरकार ने गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश दिलाने की व्यवस्था को संशोधित कर अब और कड़े नियमों तथा सख़्त निगरानी के साथ लागू कर दिया है।
आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी और इसके लिए माता-पिता व बच्चे का आधार कार्ड अनिवार्य रहेगा। पहली बार जिलास्तर पर क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण समिति गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता डीएम करेंगे। इस समिति में दर्जन भर से अधिक जिला स्तरीय अधिकारी सदस्य होंगे, जो पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।
इस व्यवस्था का लाभ अनुसूचित जाति, जनजाति, सामाजिक व शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग, अनाथ, निराश्रित, एचआईवी/एड्स व कैंसर पीड़ित अभिभावकों के बच्चों तथा दिव्यांगजन परिवारों के बच्चों को मिलेगा। साथ ही, जिन परिवारों की वार्षिक आय श्एक लाख तक है, उनके बच्चे भी इसमें शामिल होंगे।
महानिदेशक कंचन वर्मा का कहना है कि प्रवेश के बाद विद्यालय को उसकी जानकारी ऑनलाइन पोर्टल एवं यू-डायस पोर्टल पर दर्ज कराते हुए अपार आईडी बनानी होगी।
सरकार की यह पहल शिक्षा को सबके लिए सुलभ बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। अब कोई गरीब शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा। - संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री यूपी
RTE के तहत जुड़े 4500 नए निजी स्कूल, नए सत्र में दिसंबर से प्रवेश आवेदन शुरू करने की तैयारी
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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7:24 AM
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