स्कूलों में किचन गार्डेन बनाने की प्रक्रिया सुस्त, प्रदेश में लक्ष्य 141832 के सापेक्ष सिर्फ 10228 स्कूलों में किचेन गार्डन
स्कूलों में किचन गार्डेन बनाने की प्रक्रिया सुस्त, प्रदेश में लक्ष्य 141832 के सापेक्ष सिर्फ 10228 स्कूलों में किचेन गार्डन
प्रयागराज : पीएम पोषण योजना से आच्छादित समस्त विद्यालयों में न्यूट्रीशन गार्डन विकसित करने का लक्ष्य है। शासन स्तर से प्रदेश के 141832 स्कूलों में न्यूट्रीशन गार्डेन बनाया जाना है, अब तक सिर्फ 70228 स्कूलों में यह व्यवस्था हो सकी है। 62,347 परिषदीय/राजकीय विद्यालय ऐसे चिह्नित किए गए हैं जहां पर्याप्त स्थान नहीं है।
इस स्थिति से निपटने के लिए इन विद्यालयों में पाली/ग्रो बैग, मटके, बोरे, जूट के थैले, क्यारी व गमलों में छोटे आकार के किचेन गार्डेन विकसित किए जाने का निर्देश है। अतिरिक्त विकल्प के रूप में विद्यालय की दीवार के सहारे बेल वाली मौसमी सब्जियां जैसे लौकी, तोरई आदि लगाना है। गमलों में मौसमी सब्जियां जैसे टमाटर, हरी मिर्च, धनिया, भिंडी, बैंगन आदि के पौधे भी लगाए जा सकते हैं, जिससे बिना किसी अतिरिक्त लागत के पर्याप्त सब्जियां प्राप्त की जा सकती हैं। इनका उपयोग मध्याह्न भोजन को छात्रों के लिए अतिरिक्त पौष्टिक तत्व उपलब्ध कराए जाने में किया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि सभी जनपदों के विद्यालयों में शतप्रतिशत किचेन गार्डेन विकसित कराया जाये। पूर्व में विकसित किए गये स्कूल न्यूट्रीशन गार्डन का समुचित रख रखाव भी हो। आगरा में 1056, अलीगढ़ में 1710, प्रयागराज में 791, अंबेडकर नगर में 1307, औरैया, प्रतापगढ़, आजमगढ़ में 610, बदायूं में 806, बागपत में 634, बहराइच में 1232, बलिया, बांदा, वाराणसी, फरूखाबाद, वागपत, वाराबंकी, जीवी नगर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, मैनपुरी और शामली ही ऐसे जिले हैं जहां के सभी स्कूलों में किचेन गार्डेन के लिए स्थान है।
दूसरी तरफ आगरा के 1443, अलीगढ़ के 421, प्रयागराज के 1957, अंबेडकर नगर के 279, औरैया के 662, आजमगढ़ के 2103, बदायूं 1363, बहराइच के 1578, बलिया के 1645 स्कूलों में पर्याप्त स्थान नहीं है जिससे किचेन गार्डेन का विकास किया जा सके। हापुण के 94, संभल के 728, वाराणसी के 542, उन्नाव के 1094, सुल्तानपुर के 1164, पीलीभीत के 725, लखनऊ के 256, मेरठ के 475 स्कूल में भी स्थान का अभाव है।
जालौन, जौनपुर, इटावा, झांसी, ललितपुर, बरेली, अमेठी, भदोही और बिजनौर जैसे जिलों में 610 स्कूलों में किचेन गार्डेन बने हैं जबकि लक्ष्य कहीं अधिक है। चित्रकूट, हापुड़ में 410, संभल में 570, कौशांबी में 799, फतेहपुर में 1393 स्कूलों में किचेन गार्डेन बन चुके हैं। बीएसए देवव्रत सिंह ने बताया कि वर्तमान सत्र में 113 विद्यालयों को पांच हजार रुपये देकर किचेन गार्डेन का विकास कराया जाएगा। इन स्कूलों में पर्याप्त स्थान है।
पूर्व में 791 स्कूलों में किचेन गार्डेन का विकास हो चुका है। जनपद के 1957 स्कूलों को दो हजार रुपये दिए जा रहे हैं जिससे वहां न्यूट्रीशन गार्डेन बन सके। इसके अतिरिक्त जितने भी मान्यता प्राप्त विद्यालय हैं और वहां मिड डे मील योजना चल रही है, उन्हें भी किचेन गार्डेन से आछादित करना है। सभी मदरसों, समाज कल्याण विभाग के स्कूल भी इस योजना में शामिल हैं लेकिन उन्हें अपने संसाधन से इस दिशा में बढ़ना है।
स्कूलों में किचन गार्डेन बनाने की प्रक्रिया सुस्त, प्रदेश में लक्ष्य 141832 के सापेक्ष सिर्फ 10228 स्कूलों में किचेन गार्डन
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
7:02 AM
Rating:
No comments:
Post a Comment