शासन ने बताया ऑनलाइन अटेंडेंस का फार्मूला तो शिक्षकों ने रखी 31 उपार्जित अवकाश समेत कई मांगें, 16 सदस्यीय कमेटी की बैठक संपन्न
शासन ने बताया ऑनलाइन अटेंडेंस का फार्मूला तो शिक्षकों ने रखी 31 उपार्जित अवकाश समेत कई मांगें, 16 सदस्यीय कमेटी की बैठक संपन्न
लखनऊ । परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था लागू किए जाने से पहले उनसे सुझाव लिए गए। गुरुवार को अपर मुख्य सचिव, बेसिक व माध्यमिक शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा के साथ शिक्षकों की बैठक हुई। जिसमें शिक्षकों ने यह व्यवस्था लागू किए जाने से पहले उन्हें कुछ सुविधाएं दिए जाने की मांग की।
अपर मुख्य सचिव की ओर से शिक्षकों के सामने उपस्थिति मॉड्यूल रखा गया, जिसमें प्रधानाध्यापक को स्कूल शुरू होने के एक घंटे के भीतर शिक्षकों की उपस्थिति, अनुपस्थिति और अवकाश की ऑनलाइन जानकारी भरनी होगी। शिक्षकों ने कहा कि विभाग इस व्यवस्था को लागू करने से पहले एक कैलेंडर वर्ष में 31 उपार्जित व अर्द्ध आकस्मिक अवकाश की सुविधा दी जाए। शिक्षकों से विकल्प लेकर उन्हें उनके आवास के निकट के विद्यालय में तैनाती दी जाए। दूसरे जिलों में कार्यरत शिक्षकों को उनके गृह जनपद में तैनाती देने की व्यवस्था की जाए, माध्यमिक शिक्षकों की भांति बेसिक के स्कूलों के शिक्षकों को भी प्रोन्नत वेतनमान की सुविधा दी जाए और सभी शिक्षकों को गैर शैक्षिणिक कार्यों से शत-प्रतिशत मुक्त किया जाए।
उपस्थिति व्यवस्था के लिए कमेटी बनी
बैठक में शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों को विद्यालय शिक्षक के रूप में आमंत्रित किया गया था। हाईकोर्ट के आदेश पर बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था लागू करने की तैयारी में जुटा हुआ है। एसीएस पार्थ सारथी सेन शर्मा की अध्यक्षता में एक 16 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें आठ शिक्षकों को शामिल किया गया है।
लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए शासन द्वारा गठित कमेटी ने बृहस्पतिवार को पहली बैठक की। इसमें शासन ने शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस लागू करने का फार्मूला बताया। हालांकि बैठक में उपस्थिति शिक्षकों ने कहा कि पहले उनकी उपार्जित अवकाश, प्रोन्नत वेतनमान, गृह जिले में तैनाती जैसी मांगे पूरी की जाएं, तभी वे इसमें सहयोग करेंगे।
हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा की अध्यक्षता में पहली बैठक सचिवालय में हुई। इसमें माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव भगवती सिंह ने शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति का मॉड्यूल प्रस्तुत किया।
इसमें संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय शुरू होने के एक घंटे अंदर सभी शिक्षकों की उपस्थिति, अनुपस्थिति भेजने की बात कही गई। बताया गया कि यह मॉड्यूल माध्यमिक शिक्षा विभाग में काम कर रहा है। हालांकि बैठक में उपस्थित शिक्षक इससे सहमत नहीं हुए। उन्होंने एक संयुक्त रिलीज जारी कर कहा कि इसको लागू करने से पहले शिक्षकों को एक साल में 31 ईएल व आधे दिन की छुट्टी, शिक्षकों को उनके गृह जिले में तबादला, माध्यमिक की भांति बेसिक के सभी शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान, गैर शैक्षणिक कार्यों से शत-प्रतिशत मुक्त रखा जाए।
ग्रामीण क्षेत्र में आने-जाने के रास्ते, लो इंटरनेट की समस्या आदि को भी ध्यान में रखा जाए। शासन पहले शिक्षकों की वाजिब मांगों पर ठोस कार्यवाही करे, फिर शिक्षक इसके बारे में निर्णय लेंगे। वहीं शिक्षक नेता सुशील कुमार पांडेय ने बैठक का बहिष्कार करते हुए पहले विद्यालयों में एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, एक कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति आदि मांगें पूरी करने की मांग की। बैठक में महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी, सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली आदि उपस्थित थे।
शिक्षक उपस्थिति पर निर्णय के लिए गठित कमेटी में विशिष्ट बीटीसी, शिक्षामित्र व अनुदेशक संघ के प्रतिनिधियों ने नाराजगी जताते हुए मांगा प्रतिनिधित्व
लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए शासन की ओर से गठित कमेटी की बैठक 13 नवंबर को होगी। वहीं विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ, शिक्षामित्र व अनुदेशक संघ के पदाधिकारियों ने इसमें प्रतिनिधित्व न मिलने पर नाराजगी जताई है।
संयुक्त मोर्चा के महासचिव दिलीप चौहान ने कहा कि कुछ संगठनों के कई गुटों को इसमें बुलाया गया है जबकि काफी शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाले विशिष्ट बीटीसी, शिक्षामित्र व अनुदेशक संघ के प्रतिनिधियों को इसमें स्थान नहीं दिया गया जो अन्याय है।
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोशिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी और शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने भी प्रतिनिधित्व मांगा है।
हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में परिषदीय शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर बनी कमेटी की बैठक कल
शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी की तैयारी तेज, समिति इस माह में देगी रिपोर्ट
मांग : शिक्षकों को मिले सुविधा, फिर लागू हो अटेंडेंस
लखनऊ । परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की आनलाइन हाजिरी शुरू करने की तैयारी एक बार फिर तेज हो गई है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद इस संदर्भ में शासन की ओर से गठित 12 सदस्यीय समिति की रिपोर्ट नवंबर के आखिरी सप्ताह तक आने की संभावना है। समिति की सिफारिशों के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग जल्द ही शिक्षकों की उपस्थिति आनलाइन दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।
इस समय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति प्रेरणा पोर्टल पर - आनलाइन दर्ज की जा रही है और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इसके प्रति सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं। अब शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में यह समिति गठित की है।
समिति में वरिष्ठ अधिकारी और शिक्षा विशेषज्ञ के अलावा संभल, बाराबंकी, बस्ती, हरदोई और सीतापुर के शिक्षक नेता भी सदस्य हैं। यह समिति 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसमें आनलाइन उपस्थिति प्रणाली के तरीके और सुधार के लिए सुझाव शामिल होंगे। समिति के गठन के बाद शिक्षक संगठनों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं।
उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षकों को आनलाइन हाजिरी से कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते इसे शिक्षक हितों को ध्यान में रखकर लागू किया जाए। ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों में महिला शिक्षकों को रोजाना लंबा सफर तय करना पड़ता है। ऐसे में 20-30 मिनट की देरी होने पर उन्हें अनुपस्थित न माना जाए। राज्य कर्मियों की तरह 30 अर्जित अवकाश (ईएल), 14 आकस्मिक अवकाश (सीएल) और 14 आधे दिन के अवकाश (हाफ लीव) की सुविधा मिले।
हाईकोर्ट के निर्देश पर परिषदीय शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रस्ताव देगी कमेटी, अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी में शिक्षक प्रतिनिधि भी किए गए शामिल
उच्च न्यायालय ने विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के दिए हैं निर्देश
लखनऊ। प्रदेश के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने की कवायद तेज हो गई है। उच्च न्यायालय की ओर से दिए गए निर्देश के क्रम में शासन ने एक 12 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जो 15 दिन के अंदर शासन को अपना प्रस्ताव देगी।
उच्च न्यायालय में लीला सिंह चौहान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य में पारित आदेश के क्रम में 30 अक्तूबर को मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी। इसमें लिए गए निर्णय के क्रम में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराने के लिए समिति का गठन किया गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग के उप सचिव आनंद कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश के अनुसार समिति बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होगी। इसमें महानिदेशक स्कूल शिक्षा, समाज कल्याण विभाग के निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक, बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक व सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली को सदस्य बनाया गया है।
साथ ही शिक्षकों के भी सुझाव लेने के लिए संभल के शिक्षक दिनेश शर्मा, बाराबंकी के सुशील पांडेय, बस्ती के शिवशंकर सिंह, बाराबंकी की सुलोचना मौर्या, हरदोई के योगेश त्यागी, सीतापुर के अपूर्व दीक्षित को भी सदस्य बनाया गया है। उप सचिव ने कहा है कि यह समिति प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए 15 दिन में अपना प्रस्ताव देगी।
विरोध के कारण स्थगित हुई थी डिजिटल अटेंडेंस
बता दें कि पूर्व में भी परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के लिए डिजिटल अटेंडेंस लागू करने की कवायद शुरू की गई थी किंतु प्रदेशभर में हुए विरोध के बाद इसे उस समय स्थगित कर दिया गया था। साथ ही तत्कालीन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में एक कमेटी बनाकर शिक्षकों की समस्याओं के समाधान करने के बाद इसे लागू करने की बात कही गई थी।
शासन ने बताया ऑनलाइन अटेंडेंस का फार्मूला तो शिक्षकों ने रखी 31 उपार्जित अवकाश समेत कई मांगें, 16 सदस्यीय कमेटी की बैठक संपन्न
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
6:21 AM
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