मांगे थे आवेदन, वेबसाइट ही नहीं खुली, दांव पर हजारों परिषदीय शिक्षकों की नौकरी और विभाग नहीं कर पाया व्यवस्था

मांगे थे आवेदन, वेबसाइट ही नहीं खुली, दांव पर हजारों परिषदीय शिक्षकों की नौकरी और विभाग नहीं कर पाया व्यवस्था

लखनऊ : बेसिक शिक्षकों की 69,000 भर्ती तो कई विवादों के साथ 2020 में पूरी हो गई। तब से ये शिक्षक ब्रिज कोर्स का इंतजार कर रहे हैं। हाल ही में सरकार ने ब्रिज कोर्स करवाने के आदेश दिए थे और एक नवंबर से आवेदन मांगे थे। इसके बावजूद अब तक न तो आवेदन के लिए वेबसाइट शुरू हुई है और न कोई नया आदेश जारी किया है।

बेसिक शिक्षकों की भर्ती के लिए बीटीसी शैक्षिक अर्हता है। वर्ष 2000 के बाद कई बाद बीएड डिग्री वालों को भी भर्ती के लिए अर्ह माना गया। इसके लिए जरूरी यह है कि यदि बीएड करके बेसिक शिक्षक बनते हैं तो उनको छह महीने का ब्रिज कोर्स करना जरूरी होगा। वर्ष 2020 में 69000 शिक्षक भर्ती में भी शैक्षिक अर्हता बीएड ही थी। तब से शिक्षक ब्रिज कोर्स करवाने की मांग कर रहे हैं। इस भर्ती को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में भी है। इस बारे में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र तिवारी का कहना है कि प्रस्ताव शासन को भेजा है।


दांव पर हजारों शिक्षकों की नौकरी और विभाग नहीं कर पाया व्यवस्था, आज से शुरू होना था छह माह के ब्रिज कोर्स के लिए ऑनलाइन आवेदन 

बीएड के आधार पर चयनित शिक्षकों के ब्रिज कोर्स का मामला

प्रयागराज। प्राथमिक स्कूलों में बीएड के आधार पर चयनित शिक्षकों के छह माह के ब्रिज कोर्स की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जहां प्रदेश के 30 हजार से अधिक शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है वहीं बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर इस मामले में बेपरवाह बने हुए हैं। प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर किया था कि शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए एक से 15 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे और एक दिसंबर से प्रशिक्षण शुरू होगा।

69000 शिक्षक भर्ती में बीएड के आधार पर चयनित 30 हजार से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए आवेदन की गाइडलाइन का इंतजार है लेकिन एक दिन पहले शुक्रवार तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल की ओर से 15 अक्तूबर को एनआईओएस से प्रशिक्षण दिलवाने के लिए विशेष सचिव बेसिक शिक्षा को प्रस्ताव भी भेजा गया था लेकिन मामला शासन स्तर पर लंबित है।



यूपी में नौकरी कर रहे बीएड डिग्रीधारकों को मिलेगी BTC के बराबर मान्यता, NIOS से करना होगा ब्रिज कोर्स, 1 नंवबर से शुरू हो रही आवेदन प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश के बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. प्रदेश सरकार ने बीएड डिग्री धारकों के हित में बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश के शिक्षा विभाग ने बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थियों के लिए Professional Development Programme for Elementary Teachers (PDPET) कोर्स को मंजूरी दे दी है. इस ब्रिज कोर्स को पूरा करने के बाद बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थियों को बीटीसी के बराबर मान्यता मिल जाएगी. इससे वह प्राइमरी कक्षाओं यानी कक्षा एक से 5 तक के छात्रों को पढ़ाने के लिए भी पात्र हो जाएंगे.


आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है? PDEPT क्या है और बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थी कहां से ये कोर्स कर सकते हैं?


सुप्रीम कोर्ट ने बीएड डिग्री को प्राइमरी कक्षाओं के लिए माना था अवैध
असल में सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल एक अहम आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस आदेश में बीएड डिग्री को प्राइमरी कक्षाओं यानी कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए अवैध माना था. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि बीएड डिग्री धारी प्राइमरी कक्षाओं यानी कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को नहीं पढ़ा सकेंगे. प्राइमरी कक्षाओं को बीटीसी-डीएलएड वाले ही पढ़ा सकेंगे. इससे बड़ी संख्या में बीएड डिग्रीधारी प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने के लिए अपात्र हो गए थे.


6 महीने के ब्रिज कोर्स PDPET, NIOS कर सकता है संचालित
असल में PDEPT 6 महीने का ब्रिज कोर्स है. इस कोर्स का संचालन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल (NIOS) करता है. असल में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए इस ब्रिज कोर्स को तैयार किया गया है, जिसमें मुख्य तौर पर बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थियों को प्राइमरी कक्षाओं के टीचिंग मैथर्ड के बारे में बताया जाता है, जिसे यूपी सरकार ने मंजूरी दे दी है. यानी यूपी में इस ब्रिज कोर्स को करने वाले बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थी प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने के पात्र होंगे.


NIOS 6 महीने के ब्रिज कोर्स PDEPT के लिए आवेदन प्रक्रिया आयोजित करता है. अगले सेशन में दाखिला के लिए 1 नंवबर से आवेदन किया जा सकता है. आवेदन NIOS की आधिकारिक वेबसाइट dledbr.nios.ac.in पर जाकर किया जा सकता है. विशेष ये है कि 6 महीने का ये ब्रिज कोर्स ऑनलाइन उपलब्ध है. कोर्स में दाखिला लेने के बाद ट्रेनिंग दिसंबर 2025 से मई 2026 तक चलेंगी.




उत्तर प्रदेश में बीएडधारी बेसिक शिक्षकों को NIOS के जरिए कराया जाएगा 6 माह का ब्रिज कोर्स, 01 से 15 नवंबर तक कर सकेंगे आवेदन

30 हजार शिक्षक बीएड डिग्री धारक
 
उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ा रहे बीएड डिग्रीधारक शिक्षकों को बेसिक शिक्षा विभाग छह महीने का ब्रिज कोर्स कराएगा। यह कोर्स राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के माध्यम से ऑनलाइन कराया जाएगा। शासन की ओर से इसके लिए विस्तृत समय सारिणी जारी कर दी गई है।

बेसिक शिक्षा विभाग के उप सचिव आनंद कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के क्रम में बीएड प्रशिक्षण अर्हता के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापके रूप में कार्यरत कार्मिकों के लिए छह महीने अनिवार्य प्राइमरी टीचर एजुकेशन ब्रिज कोर्स किया जाना है। इसका संचालन राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयीय शिक्षा संस्थान के माध्यम से कराया जाएगा।

उन्होंने निर्देश दिया है कि बीएड प्रशिक्षण अर्हता के आधार पर शिक्षक एक से 15 नवंबर तक आवेदन करेंगे। इनको पहले चरण का विशेष प्रशिक्षण से दिसंबर से 30 मई 2026 तक दिया जाएगा। उन्होंने बेसिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दिया है कि न्यायालय में दिए गए निर्देश के क्रम में शासन की ओर से दिए जाने वाला शपथ पत्र भी जल्द उपलब्ध कराएंगे।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में कक्षा एक से पांच की पढ़ाई करा रहे शिक्षकों के लिए बीएड की अर्हता को मान्य नहीं किया था। इसी क्रम में प्रदेश के पिछले दिनों हुई 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल लगभग 30 हजार बीएड डिग्रीधारक शिक्षकों को छह माह का अतिरिक्त ब्रिज कोर्स कराकर, आवश्यक अर्हता पूरी कराई जाएगी। इसके बाद वे विशिष्ट बीटीसी के समकक्ष अर्हता पूरी करेंगे।


मा० उच्चतम् न्यायालय, नई दिल्ली में योजित रिट याचिका संख्या 87/2025 अंशुमान सिंह व अन्य बनाम नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजूकेशन व अन्य के सम्बन्ध में




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1 comment:

Anonymous said...

https://ceouttarpradesh.nic.in/ceoupmlc/index.html

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