पीएमश्री योजना का बजट खर्च करने में कंजूसी, कार्यदायी संस्थाओं को चेतावनी, बेसिक शिक्षा विभाग ने काम की धीमी प्रगति पर जताई नाराजगी
पीएमश्री योजना का बजट खर्च करने में कंजूसी, कार्यदायी संस्थाओं को चेतावनी, बेसिक शिक्षा विभाग ने काम की धीमी प्रगति पर जताई नाराजगी
लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी न प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया है (पीएमश्री) योजना के तहत प्रदेश में बजट र खर्च करने में लापरवाही सामने आई है। हालत यह है कि कई जिलों में कार्यदायी संस्थाएं सक्रिय ही नहीं हैं। जहां सक्रिय हैं वहां अपेक्षित प्रगति नहीं है। इसे देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने सक्रियता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश के बेसिक के 1565 व माध्यमिक के ने 145 समेत कुल 1710 राजकीय विद्यालयों का चयन पीएमश्री योजना में हुआ है। वित्तीय 5 वर्ष 2025-26 में योजना के तहत केंद्र सरकार ने करीब 614 करोड़ का बजट अनुमोदित ई किया है। इस वर्ष अब तक जिलों को 98 1 करोड़ की लिमिट जारी की गई है लेकिन खर्च मात्र 8 करोड़ ही हुआ है। शासन ने संबंधित । एजेंसियों के रवैये पर नाराजगी जताई है।
समग्र शिक्षा के तहत प्रदेश में 1661 कार्यदायी संस्थाओं में से सिर्फ 766 (46.67 फीसदी) ही काम कर रही हैं। बीते दिनों हुई समीक्षा बैठक में बेसिक शिक्षा के अधिकारियों ने एजेंसियों को काम में तेजी लाने के कड़े निर्देश दिए हैं। अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बजट के समय से प्रयोग न होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
बढ़ाई जानी हैं ये सुविधाएं
इंटरनेट सुविधा, कंप्यूटर, आईसीटी लैब, स्मार्ट क्लास रूम, अच्छे फर्नीचर व डिजिटल सुविधा वाली लाइब्रेरी। वोकेशनल शिक्षा, इंटीग्रेटेड साइंस लैब, छात्राओं के लिए शौचालय, टीएलएम, ग्रीन स्कूल सुविधा, छात्र ट्रैकिंग सुविधा, छात्राओं के लिए सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग, साफ पीने का पानी, शिक्षकों के क्षमता विकास, कॅरिअर गाइडेंस आदि।
इन जिलों में सभी एजेंसी सक्रिय
अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, अलीगढ़, औरैया, बागपत, बलिया, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, अमरोहा, पीलीभीत, संतकबीर नगर, श्रावस्ती व सोनभद्र।
यहां कोई एजेंसी सक्रिय नहीं
लखनऊ, बहराइच, गोंडा, भदोही, फिरोजाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कासगंज, महराजगंज, मथुरा व मेरठ।
पीएमश्री योजना का बजट खर्च करने में कंजूसी, कार्यदायी संस्थाओं को चेतावनी, बेसिक शिक्षा विभाग ने काम की धीमी प्रगति पर जताई नाराजगी
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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7:08 AM
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