शिक्षा विभाग में पद खाली पड़े, पदोन्नत तीन अपर शिक्षा निदेशकों को तैनाती नहीं
शिक्षा विभाग में पद खाली पड़े, पदोन्नत तीन अपर शिक्षा निदेशकों को तैनाती नहीं
प्रयागराज : यह विडंबना ही है कि एक तरफ शिक्षा विभाग में अपर शिक्षा निदेशक के पद रिक्त हैं तो दूसरी ओर इस पद पर पदोन्नत तीन अधिकारियों को साल भर से तैनाती नहीं मिली है। इनमें से एक अधिकारी के पास जून 2025 से काम ही नहीं है। कहीं तैनाती नहीं मिलने से उन्हें वेतन भी नहीं मिल रहा है। इसके अलावा बेसिक शिक्षा में विभाग में कार्यरत प्रोन्नति पाए दो अपर शिक्षा निदेशकों को तैनाती दिए जाने की जगह दो बार बेसिक शिक्षा विभाग के हवाले कर दिया है।
उत्तर प्रदेश शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा समूह-क श्रेणी में अपर शिक्षा निदेशक/समकक्ष स्तर के सृजित 12 पदों में एक पद उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में था, जो कि चयन बोर्ड खत्म होने के साथ खत्म हो गया। इस तरह 11 पदों में से पांच पदों पर ही वर्तमान में अपर शिक्षा निदेशक कार्यरत हैं। अन्य पद रिक्त हैं, जिन पर प्रभारी कार्यरत हैं।
ऐसे में 21 अक्टूबर 2024 को कुछ अधिकारियों को अपर शिक्षा निदेशक पद पर पदोन्नति दी गई। इसमें राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान में निदेशक/उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव (प्रभारी) अनिल भूषण चतुर्वेदी, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) वाराणसी रामशरण सिंह एवं प्रभारी अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक) कामताराम पाल पदोन्नत हुए। पदोन्नत अधिकारियों में रामशरण सिंह जून 2025 में वाराणसी से कार्यमुक्त हुए।
पीसीएस की अगली भर्ती में होंगे BSA के 40 पद, शिक्षा विभाग में अधिकारियों से लेकर प्रवक्ताओं तक के सैकड़ों पद खाली, निदेशालय ने शासन को भेजा अधियाचन
प्रयागराज। बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर पद रिक्त होने से शिक्षा की गुणवत्ता पर सीधा असर पड़ रहा है। अधिकारियों से लेकर प्रवक्ता तक के सैकड़ों पद खाली होने के कारण पठन-पाठन और प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को अधियाचन भेज दिया है ताकि रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जा सके। ऐसे में पीसीएस की अगली भर्ती में बीएसए के 40 पद होंगे।
शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा समूह क में कुल चार स्वीकृत शिक्षा निदेशक पदों में से सिर्फ एक पद पर ही तैनाती है। बाकी पदों पर पदोन्नति इसलिए नहीं हो पा रही है क्योंकि अपर शिक्षा निदेशक व समकक्ष पदों पर तीन वर्ष की अर्हकारी सेवा पूरी नहीं हुई है।
अपर शिक्षा निदेशक व समकक्ष 12 पदों में से तीन, संयुक्त शिक्षा निदेशक व समकक्ष 22 पदों में से दो, उप शिक्षा निदेशक व समकक्ष 108 पदों में से 46, जिला विद्यालय निरीक्षक व समकक्ष 198 पदों में से 85 पद मिलाकर समूह क के 344 पदों में से 139 रिक्त हैं। इनमें पदोन्नति का कार्य शासन स्तर पर अर्हकारी सेवा पूरी होने पर ही हो सकता है।
इसी तरह शैक्षिक (सामान्य शिक्षा वरिष्ठ प्रवक्ता (उच्चतर) के 210 में से सभी पद रिक्त हैं। इनमें से 50 प्रतिशत सीधी भर्ती और 50 प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है। खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) के 1031 पदों में से 148 रिक्त हैं जिनमें से 126 पदों का अधियाचन शासन को भेजा गया है।
बीएसए, डीआईओएस आदि के 84 पदों में से 40 व वरिष्ठ प्रवक्ता डायट के 210 पदों में से 123 रिक्त हैं जिनका अधियाचन शासन को भेजा गया है। राजकीय इंटर कॉलेज प्रधानाचार्य व बीएसए (पदोन्नति कोटा) के 552 पदों में 488 रिक्त हैं। पात्रता सूची शासन ने आयोग को भेज दी है। संवर्ग) सेवा समूह ख में 1524 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 1035 पद रिक्त हैं। इससे विभाग की कार्यप्रणाली पर असर पड़ रहा है। प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कॉलेज (सीधी भर्ती) के 468 पदों में से 174 रिक्त हैं। इनमें से 156 पदों का अधियाचन आयोग को भेजा गया है जबकि 18 पद विचाराधीन हैं।
रिक्तियां बढ़ने से प्रभावित हो रही शिक्षा व्यवस्था
बड़े पैमाने पर रिक्तियों के कारण विद्यालय प्रबंधन, निरीक्षण व्यवस्था, शिक्षण कार्य और प्रशिक्षण गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अधियाचन शासन को भेजे जाने के बाद अब नियुक्ति प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है। इससे शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
शिक्षा विभाग में पद खाली पड़े, पदोन्नत तीन अपर शिक्षा निदेशकों को तैनाती नहीं
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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7:04 AM
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