68500 शिक्षक भर्ती : न जांच पूरी हुई और न एक माह में आया संशोधित रिजल्ट, शिकायतों का साक्ष्य से मिलान कर रहे जांच अधिकारी, अफसर करा रहे आंदोलन

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा में गड़बड़ी का हर पहलू को बारीकी से खंगाला जा रहा है। उच्च स्तरीय जांच समिति केवल उन अभ्यर्थियों पर ही गंभीर नहीं है जिन्हें कोर्ट के आदेश पर मिली कॉपी में उत्तीर्ण हुए, बल्कि ऐसे अभ्यर्थियों की शिकायतों का भी संज्ञान लिया गया है, जिन्होंने जांच अधिकारी को प्रत्यावेदन देकर व परीक्षा की कार्बन कॉपी मुहैया कराकर उत्तीर्ण होने का दावा किया है। अन्य सभी प्रकरणों को नए सिरे से जांचा जा रहा है। शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा परिणाम की जांच पूरी होने का नाम नहीं ले रही है। शासन की ओर से गठित उच्च स्तरीय समिति ने पहले उन अभ्यर्थियों पर ध्यान केंद्रित किया, जो परीक्षा में बिना बैठे ही उत्तीर्ण हो गए या फिर अनुत्तीर्ण को भी उत्तीर्ण बताकर उनकी सूची बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय को भेजी गई थी। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर जिन अभ्यर्थियों को कॉपियां दी गईं, उनमें दर्ज अंकों से उत्तीर्ण होने वालों के प्रकरण खंगाले गए। अब जांच अधिकारी गन्ना विकास के प्रमुख सचिव संजय आर भूसरेड्डी को पिछले दिनों मिली शिकायतों व तमाम प्रत्यावेदनों का कॉपियों से मिलान किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो जांच अधिकारी के कार्यालय में करीब पांच सौ से अधिक प्रकरण डाक और व्यक्तिगत रूप से पहुंचे थे। उनमें से ढाई सौ प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें शिकायत की गई है कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई है और फलां अफसर ने यह सब किया है।

नियुक्ति पत्र के लिए दूसरे दिन धरना

बेसिक शिक्षा परिषद मुख्यालय के सामने मंगलवार को दूसरे दिन भी प्रदेश भर के अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती का नियुक्ति पत्र दिलाने की मांग में धरना दिया। उनका कहना है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी भर्ती की लिखित परीक्षा में हुए आवेदन व अभिलेख की त्रुटियां ठीक करने को तैयार नहीं है। इससे उनका चयन हो गया है लेकिन, नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा रहा है। परिषद सचिव रूबी सिंह इस संबंध में शासन को पत्र लिख चुकी हैं, वहां से भी बीएसए को निर्देश नहीं दिया जा रहा है। अभ्यर्थी कह रहे हैं कि नियुक्ति पत्र मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा।

राब्यू, इलाहाबाद : सरकारी महकमों में भर्तियों का मुद्दा इन दिनों गर्म है। जिन्हें नौकरी नहीं मिली है, वह तो आंदोलित हैं ही, साथ ही वे भी आंदोलन की राह पर हैं जो नियुक्ति पा चुके हैं। परीक्षा और परिणाम के अलावा नियुक्तियों के मानक को लेकर अफसर निशाने पर हैं। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव कुछ दिन पहले ही सभी भर्ती आयोगों के अध्यक्ष व सचिवों को हिदायत दे चुके हैं कि भर्तियों की रफ्तार तेज की जाए, फिर भी कामकाज का ढर्रा नहीं बदल रहा है।1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती का प्रकरण अधिक चर्चा में है। पूर्व परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने 22 अगस्त को विज्ञप्ति जारी करके आश्वस्त किया था परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने जा रहे हैं, यदि त्रुटि से अभ्यर्थी फेल हुए हैं तो उन्हें शिक्षक बनने का मौका दिया जाएगा। इसका एक माह बीत रहा है, अब तक संशोधित रिजल्ट जारी नहीं हुआ है और न ही शासन के निर्देश पर इस मामले की एक सप्ताह में जांच ही पूरी हो सकी है। रिजल्ट कब आएगा और जांच कब तक पूरी होगी, संबंधित अफसर इस पर बोलने को तैयार नहीं है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक 2016 की लिखित परीक्षा की तस्वीर साफ नहीं है। जिन आठ विषयों का विज्ञापन निरस्त हुआ, उन अभ्यर्थियों से बिना अर्हता में बदलाव किए दूसरे विषय के लिए आवेदन मांगे गए हैं। अभ्यर्थी इसको लेकर परेशान हैं। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर की लिखित परीक्षा का कार्यक्रम मंगलवार को जारी किया है, क्योंकि सोमवार को ही उग्र आंदोलन हुआ था। ऐसे ही उप्र लोकसेवा आयोग भी लगातार रिजल्ट जारी कर रहा है लेकिन, तमाम अहम परीक्षा परिणाम अब भी अधर में हैं। इसको लेकर भी आंदोलन छिड़ चुका है।

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