शैक्षिक सत्र 2022-23 में विद्यालय स्तर से प्रदेश स्तर तक खेलकूद कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताओं के आयोजन के संबंध में

शैक्षिक सत्र 2022-23 में विद्यालय स्तर से प्रदेश स्तर तक खेलकूद कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताओं के आयोजन के संबंध में।

UP : सरकारी स्कूलों में चार दिन खेलकूद और बाकी दो दिन स्काउट, हर बच्चे को किसी न किसी खेल से जोड़ने के निर्देश

परिषदीय विद्यालयों में खेलकूद प्रतियोगिताएं जुलाई से होंगी शुरू

परिषदीय स्कूलों में बच्चे न सिर्फ पढ़ेंगे, खेलेंगे भी; खेलकूद प्रतियोगिताओं का कार्यक्रम जारी, विद्यालय स्तर से राज्य स्तर तक होंगे आयोजन

पढ़ाई के साथ प्रत्येक बच्चे को उसकी रुचि के अनुसार खेलकूद की गतिविधि से जोड़ने के निर्देश

परिषदीय स्कूलों में खेल में तराशे जाएंगे बच्चे, सप्ताह में चार दिन होंगे खेलकूद और व्यायाम तथा दो दिन स्काउट गतिविधि
 


ये होंगी प्रतियोगिताएं

■ खेल एथलेटिक्स, कुश्ती, वॉलीबाल, खो-खो, टेबिल टेनिस, जिमनास्टिक, व्यायाम एवं विशेष प्रदर्शन, योगा, जूडो, बॉस्केटबाल, तैराकी, फुटबाल, क्रिकेट, कबड्डी, हॉकी, हैंडबाल, बैडमिंटन

■ सांस्कृतिक कार्यक्रम लोकगीत, लोकनृत्य, राष्ट्रीय एकांकी।

■ समूह गान एवं अंत्याक्षरी।


लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में अब पढ़ाई के साथ खेलकूद प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। यह आयोजन विद्यालय से लेकर राज्य स्तर तक सत्र 2022-23 से होगा। | बेसिक शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों में खेलकूद प्रतियोगिताओं व स्काउट गाइड का आयोजन करने और पहली से लेकर आठवीं तक के हर बच्चे को उसकी रुचि के अनुसार खेल गतिविधियों से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। विद्यालय स्तर पर अगस्त में और राज्य स्तर पर नवंबर में प्रतियोगिताएं होंगी।

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार विद्यालय स्तर से न्याय पंचायत स्तर तक खेलकूद प्रतियोगिताएं 1 अगस्त तक होंगी। इसके बाद ब्लॉक स्तर पर सितंबर के पहले हफ्ते तक और जिले स्तर पर अक्तूबर के पहले सप्ताह तक आयोजन होंगे

मंडल स्तर पर नवंबर के पहले सप्ताह तक और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं 30 नवंबर तक होंगी। इस संबंध में मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) व सभी बीएसए को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। निर्देश दिए गए हैं कि सप्ताह में पहले चार दिन खेलकूद व व्यायाम और अंतिम दो दिन स्काउट गाइड का नियमित आयोजन कराया जाए। इसका ब्योरा स्कूल रजिस्टर में रखा जाए।

खेलकूद व अन्य प्रतियोगिताओं के लिए विद्यालय स्तर पर बच्चों का चयन करके उन्हें तैयार किया जाए। बच्चे की रुचि के अनुसार कक्षा एक से आठ तक के प्रत्येक बच्चे को किसी न किसी खेल से अवश्य जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। टीम चयन में सभी ब्लॉक के अच्छे खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व होने का निर्देश दिया गया है। चयन प्रक्रिया के लिए विभिन्न खेल एसोसिएशन के विशेषज्ञों व खेल विभाग के अधिकारियों को बुलाने के लिए कहा गया है। प्रत्येक जिले, मंडल से प्रथम विजेता टीम राज्य स्तरीय रैली में प्रदर्शन करेगी।


लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में दो साल बाद खेलकूद प्रतियोगिताएं फिर शुरू होंगी। जिलों को खेल सामग्री खरीदने के लिए सरकार ने प्रति प्राथमिक विद्यालय पांच हजार व उच्च प्राथमिक विद्यालय को दस हजार रुपये की धनराशि दी है। 

प्रतियोगिताएं जुलाई से नवंबर तक कराई जाएंगी। विद्यालय से न्याय पंचायत स्तर तक की खेलकूद प्रतियोगिताएं एक अगस्त तक पूरी होंगी। विकासखंड स्तर पर सितंबर माह के पहले सप्ताह तक, जिला स्तर पर अक्टूबर माह के पहले सप्ताह तक व मंडल स्तर पर प्रतियोगिताएं नवंबर माह के पहले सप्ताह तक होंगी। इसी माह के अंत तक राज्य स्तर पर परीक्षाएं पूरी कर ली जाएं।

सरकारी प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में हफ्ते के चार दिन खेलकूद और दो दिन स्काउट की गतिविधियां करवाई जाएंगी। खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन अगस्त से शुरू होगा। राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं 30 नवम्बर तक करवा लें।

सरकारी प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में हफ्ते के चार दिन खेलकूद और दो दिन स्काउट की गतिविधियां करवाई जाएंगी। खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन अगस्त से शुरू होगा। राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं 30 नवम्बर तक करवाई जाएंगी। इस संबंध में बुधवार को बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने आदेश जारी कर दिया है।

उन्होंने कहा है कि खेलकूद प्रतियोगिताओं में अनावश्यक औपचारिकताओं से बचते हुए केवल खेलने पर ही ध्यान दिया जाए। अगस्त में स्कूलों के स्तर पर, सितम्बर के पहले हफ्ते में ब्लॉक स्तर पर, अक्तूबर के पहले हफ्ते तक जिला स्तर, नवम्बर के पहले हफ्ते में मंडल स्तर पर प्रतियोगिताएं करवाई जाएं। 30 नवम्बर तक राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा।

सोमवार से गुरुवार तक खेलकूद और व्यायाम करवाया जाएगा और अंतिम दो दिनों में स्काउट करवाया जाएगा। इसका ब्यौरा रजिस्टर में रखा जाएगा। प्रधानाचार्य सुनिश्चित करे कि स्कूल का हर बच्चा किसी न किसी खेल से अवश्य जुड़े। प्राइमरी स्कूलों को खेलकूद सामग्री के लिए 5000 और जूनियर स्कूलों को 10,000 रुपये दिए गए हैं। इसका पूरा उपयोग किया जाए।

ट्रायल से हो चयन

निदेशक ने साफ किया कि है कि यह न हो कि स्कूल स्तर पर जीती हुई टीम ही राज्य स्तर तक जीत कर पहुंचे। हर स्तर पर ट्रायल का आयेाजन कर अच्छे खिलाड़ियों की टीम बनाई जाए। अलग-अलग ब्लॉकों व जिलों के बच्चों की टीम ही आगे जाएगी।



















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