शिक्षामित्रों को स्थायी करने का मुद्दा विधान परिषद में गूंजा
- नेता सदन ने कहा, घोषणापत्र में किए वादे पूरे करेंगे
लखनऊ
(ब्यूरो)। भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को शिक्षा मित्रों को स्थायी
करने का मुद्दा विधान परिषद में उठाया। नेता सदन अहमद हसन ने कहा कि सरकार
शिक्षा मित्रों को लेकर गंभीर है। घोषणापत्र में उनके लिए किए गए वादे पूरे
किए जाएंगे।
शून्य काल में कार्यस्थगन
प्रस्ताव पेश करते हुए भाजपा के डॉ. नेपाल सिंह, हृदय नारायण दीक्षित, डॉ
यज्ञदत्त शर्मा, केदारनाथ सिंह और डॉ महेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि
प्राथमिक विद्यालयों में तैनात होने वाले शिक्षामित्रों की न्यूनतम योग्यता
इंटरमीडिएट है। प्रदेश सरकार ने स्नातक या उससे ऊपर योग्यता रखने वाले
शिक्षामित्रों को बीटीसी प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया। शिक्षा
मित्रों के दूसरे बैच की ट्रेनिंग चल रही है। नेपाल सिंह ने कहा कि
प्रशिक्षण पूरा कर चुके शिक्षा मित्रों को टीईटी पास न होने के कारण शिक्षक
के रूप में नियुक्ति नहीं दी जा रही है वहीं उन्हें टीईटी में बैठने का
अवसर ही नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि एक दशक से काम कर रहे शिक्षा मित्र
अब कहीं नौकरी पाने के योग्य नहीं। इन शिक्षा मित्रों को ट्रेनिंग देकर
शिक्षक के रूप में स्वीकार कर लिया जाए। अहमद हसन ने कहा कि राज्य परियोजना
निदेशक सर्व शिक्षा अभियान और निदेशक बेसिक की आख्या के आधार पर कार्रवाई
की जाएगी। सपा के देवेंद्र प्रताप सिंह ने सपा के घोषणापत्र के हवाले से
कहा कि उनसे किया वादा पूरा किया जाएगा। नेता सदन ने भी कहा कि सरकार से दो
साल के कार्यकाल में घोषणापत्र का वादा पूरा हो जाएगा। सभापति गणेश शंकर
पांडेय ने सरकार को इस मामले में आवश्यक कार्यवाही को कहा और कार्यस्थगन
प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया।
कांग्रेस ने संत
रविदास जयंती पर फिर से सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग उठाई। विधान
परिषद में नसीब पठान खां ने कहा कि वर्ष 2013 में इसे जयंती को सार्वजनिक
अवकाश की सूची से हटा दिया गया इससे लोगों में रोष है।
(साभार-अमर उजाला समाचार पत्र)
शिक्षामित्रों को स्थायी करने का मुद्दा विधान परिषद में गूंजा
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
8:15 AM
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3 comments:
G00D JOB SIR JI...............
gud newr 4 sixamitra .
thanks
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