तीन माह में देनी होगी मृतक आश्रित को नौकरी : पदों की अनुपलब्धता दिखाकर अब टरकाया नहीं जा सकेगा

    • मृतक आश्रितों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के मुताबिक नौकरी दी जाएगी
    • मृतक आश्रितों के आवेदन को न निरस्त किया जा सकेगा
    • न ही आर्थिक देयों के भुगतान से किया जा सकेगा इनकार
    • उच्च न्यायालय द्वारा बीते दिनों इस संबंध में दिए गए आदेश के पालन में  शासनादेश जारी
      लखनऊ। सरकार ने मृतक आश्रितों को नौकरी देने में कई सहूलियतें प्रदान की हैं। इनमें मृतक आश्रितों को तीन माह के अंदर हर हाल में नौकरी देनी होगी। इसके साथ ही मृतक आश्रितों को उनकी योग्यता के मुताबिक पद मिलेगा न कि उनके दिवंगत संबंधी की मृत्यु पूर्व पोजीशन के हिसाब से।

      मृतक आश्रितों को नौकरी देने के मामले में शासन की ओर से बीते मंगलवार को सभी विभागों के प्रमुख सचिवों व सचिवों को शासनादेश जारी किया गया। नये शासनादेश के मुताबिक मृतक आश्रितों के नौकरी के आवेदन को तीन माह के अंदर हर हाल में निस्तारित करना होगा। नियमावली के मुताबिक नौकरी दिए जाने के लिए अब तक कोई समय सीमा निश्चित नहीं थी। इसके चलते परिजनों को काफी मुश्किल आर्थिक हालात से गुजरना पड़ता था। शासनादेश में कहा गया है कि मृतक आश्रितों की आर्थिक हालत अच्छी है सिर्फ इसलिए आश्रितों के नौकरी के आवेदन को निरस्त नहीं किया जा सकेगा और न ही उनके अन्य आर्थिक देयों के भुगतान को अस्वीकार किया जा सकेगा। इसके साथ ही पदों की अनुपलब्धता की मजबूरी दिखाकर मृत आश्रितों को अब टरकाया नहीं जा सकेगा।

      शासनादेश में यह भी कहा गया है कि अब मृत आश्रितों को सिर्फ इसलिए क्लास थ्री में नौकरी से इनकार नहीं किया जा सकेगा कि उनके दिवगंत संबंधी क्लास थ्री/फोर कर्मी थे। शासनादेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मृतक आश्रितों को उनकी शैक्षणिक योग्यता और आवश्यकता के मुताबिक पद पर नौकरी दी जाएगी। न कि उनके दिवंगत संबंधी के पद के हिसाब से। अगर नियुक्ति के लिए सक्षम अधिकारी मृत आश्रितों द्वारा मांगे गए पद पर नियुक्ति से इनकार करता है तो उसे इसके लिए उपयुक्त न टाले जा सकने वाले कारण को स्पष्ट रूप से बताना होगा। इसके साथ ही शासनादेश में इस बात का उल्लेख किया गया है कि मृत आश्रित को नियुक्ति के लिए किसी विशेष पद और स्थान की ही मांग करने का अधिकार नहीं होगा। ये पूर्णत: नियुक्ति के लिए सक्षम अधिकारी के विवेक पर निर्भर होगा कि वह आवेदनकर्ता की योग्यता व अन्य परिस्थितियों को ध्यान में निर्णय ले।

      प्रमुख सचिव कार्मिक व नियुक्ति राजीव कुमार के मुताबिक यह शासनादेश उच्च न्यायालय द्वारा बीते दिनों इस संबंध में दिए गए आदेश के पालन में जारी किए गए हैं। न्यायालय के आदेश के पालन के क्रम में उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली- 1947 में संशोधन कर शासनादेश जारी किया गया है। इस नियमावली में अब तक 11 संशोधन किए जा चुके हैं।

                                                                                   साभार : राष्ट्रीय सहारा

      • उत्तरप्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों के सेवायोजन के संबंध में शासनादेश:-



      Enter Your E-MAIL for Free Updates :   
      तीन माह में देनी होगी मृतक आश्रित को नौकरी : पदों की अनुपलब्धता दिखाकर अब टरकाया नहीं जा सकेगा Reviewed by Brijesh Shrivastava on 3:41 PM Rating: 5

      1 comment:

      Unknown said...

      Aur jiski niukti shaichik yogita k aadhaar par na ki gyi ho uske liye kya aadesh hai....???

      Contact Form

      Name

      Email *

      Message *

      Powered by Blogger.