परिषदीय स्कूलों में घट रही छात्रों की संख्या : सरकारी योजनाएं भी नहीं रोक पा रही हैं बच्चों को
लखनऊ। मुफ्त किताब, मुफ्त यूनिफॉर्म, मुफ्त खाना और यहां तक कि फेल न किए जाने की गारंटी के बाद भी परिषदीय स्कूलों में छात्रों की संख्या दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। यह स्थिति तब है जब स्कूलों में छात्रों के ठहराव (उपस्थिति) के लिए स्कूल मैनेजमेंट कमेटी बनाई गई है और उसमें अभिभावकों को भी शामिल किया गया है। सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय को मिली रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 37 जिले ऐसे हैं जहां छात्र संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। परियोजना निदेशक कुमुदलता श्रीवास्तव ने संबंधित जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जुलाई से शुरू होने वाले नए सत्र से स्कूलों में छात्रों के ठहराव पर विशेष ध्यान दिया जाए।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों की शिक्षा अनिवार्य कर दी गई है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत हर साल यू-डायस के माध्यम से स्कूल जाने वाले छात्रों की संख्या का जिलेवार ब्यौरा तैयार कराया जाता है। इसके जरिये पता लगाया जाता है कि किस कक्षा में कितने छात्रों को दाखिला दिया गया और कितनों ने बीच में स्कूल छोड़ दिया। सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय को मिली रिपोर्ट में 37 जिलों में स्कूलों में छात्रों के ठहराव की संख्या कम मिली है। राज्य परियोजना निदेशालय ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि औसत ठहराव दर 86.06 से काफी घटा है। इसे गंभीरता से लेते हुए छात्रों के स्कूलों में ठहराव पर विशेष ध्यान देना होगा।
ठहराव के होंगे प्रयास
राज्य परियोजना निदेशालय ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि माह के एक तिहाई दिवसों में स्कूल में अनुपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं के घर जाकर शिक्षक अभिभावकों को समझाएंगे कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजें। बीएसए को यह व्यवस्था देनी होगी कि जिले में कोई भी स्कूल बंद व एकल न रहने पाए। खंड शिक्षा अधिकारियों को प्रशासनिक कामों के साथ स्कूलों की पढ़ाई पर भी ध्यान देना होगा।
इन जिलों में कम हुई उपस्थिति
बिजनौर, बलरामपुर, हाथरस, बुलंदशहर, महराजगंज, लखीमपुर खीरी, बरेली, महोबा, अंबेडकरनगर, फीरोजाबाद, कानपुर देहात, फतेहपुर, जेपी नगर, देवरिया, कुशीनगर, अलीगढ़, कौशांबी, मुरादाबाद, श्रावस्ती, सहारनपुर, बाराबंकी, बहराइच, फैजाबाद, बदायूं, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, गाजियाबाद, एटा, गोंडा, रायबरेली, आजमगढ़, गोरखपुर, संतकबीरनगर, कन्नौज, प्रतापगढ़, बागपत और गौतमबुद्धनगर।
परिषदीय स्कूलों में घट रही छात्रों की संख्या : सरकारी योजनाएं भी नहीं रोक पा रही हैं बच्चों को
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
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8:09 AM
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7 comments:
abhi aur sankhya ghategi. ab jarurat hai phalatu sarakari yojanaye band karane ki . sarakari school chaupat hone ka sabase pramukh karan MDM yojana hai.sarakari school sudharana hai to MDM ko sabase pahale band karana honga.
विद्या किसी को जबरदस्ती नही दी जा सकती ।
विद्या कोई खाना नही ाहै ये बात सबको पता है किन्तु सच कासासामनाकरने से बचते है लोग..... नजनमन
vastav me padhne wale bachchon ki sankhya scholership aur uniform band karne k baad pata chalega.iske liye gaurdians k kahne par 2-3 schools me muft me admission le liya jata hai aur isi lalach me bachche kisi school me nahi padh pate hain.
PMV me agar class 6 7 aur 8 me 10-10 bachche hon to 1 teacher kis kis class me per day kitne subject padhayega.Gaurdian yah samjhata hai.sarkar siksha k naam per gareeb logon ko ulloo bana rahi hai.Achcha hota ek pas k 2-3 vidyalayon ko band karke ek hi vidyalaya par 2-3 teacher rakha jata.3se kam teacher par kabhi kisi pmv me padhne wale bachche nahi aayenge.
keval yojnao se kuch nahi hoga school me teachers nahi hai sarkar supream court lad rahi hai,jab teachers he nahi hai to koi apne bachho ka bhavishya kyo bigade.unrecognise school band karane me sarkar asfal hai because siksha vibhag unke sath hai.
kewal thahraw ki isthiti se kam nhi chlega.agar shiksha ke istar ko sudharna hai to sarkar ko niymit karyon ke alawa koi kary na karwa ke kewal aour kewal shikshan kary hi karwana padega.anytha ki isthiti main kewal khanapoorti hi hogi.
teachers teach hi nahi karte nahi tabhi to school me student ata nahi hai. Simple sa example ap ka baccha jis school pe study karta hai yadi waha ke teacher na padaye n ap ke bache ko kuch bhi na aye class 3 tak to kya ap apne bache ka addmission next yr waha par karayenge. yadi nahi to kyo ?????????????????????????? yahi hal primary school ka hai teachers 8 AM ke bad school pahuchati hai n 11AM par leavae the school n in this 3hr they mostly taking with their friends relatives n family then they get 1Hr for school in that time they do the register work and only shouting or say Go n play or sit in class n learn table 1 to 10. Lo ho gayi padayi .
Hum ne payi full salary tum(student) jayo kinare. Addmiddion ho ya na ho salary to full hai or aram bhi bahut hai in a Week only 2 or 3 days go but in register they present all working day from morning 6:30Am to 12:05v PM .
Lo HO gayi Padayi Primary school ko chupat kar diya es mentaltey ne.
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