सेवानिवृत्त होंगे 12000 शिक्षक : पौने तीन लाख शिक्षकों की पहले से ही है कमी
- 30 को सेवानिवृत्त हों जाएंगे 12000 शिक्षक
- चयन प्रक्रियाएं अधर में, शिक्षामित्रों के समायोजन पर भी रार
- पौने तीन लाख शिक्षकों की पहले से ही है कमी, हालात और बिगड़ने के आसार
परिषदीय स्कूलों में शिक्षक भर्ती पर ढुलमुल रवैया अपनाया गया है। उससे तय है कि इस बार भी स्कूलों के कर्ताधर्ता शिक्षामित्र ही होंगे। विभाग में पौने तीन लाख शिक्षक पहले से ही कम है। इसके बाद भी करीब 12 हजार शिक्षक 30 जून को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इससे संकट और गहरा जाएगा। फिलहाल बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षामित्रों के सहारे हैं। उनका कहना है कि स्कूलों में ताला नहीं लटकेगा।
प्रदेश के लगभग हर जनपद में परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। उनमें से बहराइच, गोंडा, श्रवस्ती आदि ऐसे जिले हैं जहां पर शिक्षकों की बेहद कमी है। इन जिलों में बड़े पैमाने पर एकल शिक्षक स्कूल चल रहे हैं। अब जून माह में प्रदेश भर में करीब 12 हजार शिक्षक रिटायर होंगे, जिससे समस्या और गहराएगी। राहत की बात यह है कि अधिकांश स्कूलों में दो-दो शिक्षामित्र तैनात हैं जो स्कूल संचालन में सहायक हो रहे हैं। शिक्षा विभाग के अफसरों की मानें तो प्रदेश भर में एक लाख 72 हजार शिक्षा मित्रों तैनात है। इन शिक्षामित्रों के सहारे स्कूल खुलेंगे।
वैसे शिक्षा विभाग के अफसर अब शिक्षामित्रों के समायोजन पर निगाह गड़ाए बैठे हैं। सचिव बेसिक शिक्षा संजय सिन्हा ने बताया कि शिक्षामित्रों के समायोजन में जिस तरह कोर्ट का अभी तक का रुख है वह बना रहा तो जुलाई में 58 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन कर देंगे। इसके अलावा टीईटी की 72825 की भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू है। उम्मीद है कि इनकी नियुक्ति भी जल्द होगी। ऐसे ही 29334 विज्ञान-गणित शिक्षक व दस हजार विशिष्ट बीटीसी भर्ती भी नये सत्र के दौरान हो जाएगी। सिन्हा ने कहा कि ऐसे हालात में शिक्षकों की बहुत ज्यादा कमी नहीं होनी है।
पदोन्नति पाने वाले हो रहे रिटायर शिक्षकों की पदोन्नति लंबे समय से लंबित है। हालत यह है कि 30 जून को पदोन्नति पाने के हकदार शिक्षक रिटायर हो जाएंगे। ऐसे में उप्र जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने अल्टीमेटम दिया है कि इस मुद्दे को लेकर आंदोलन किया जाएगा।
खबर साभार : दैनिक जागरण
सेवानिवृत्त होंगे 12000 शिक्षक : पौने तीन लाख शिक्षकों की पहले से ही है कमी
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
9:27 AM
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