स्कूल में 'साहब' भी बनेंगे 'मास्साब' : खंड शिक्षाधिकारियों को भी अब स्कूल में पढ़ाना होगा
इलाहाबाद : खंड शिक्षाधिकारियों की 'साहबगीरी' के दिन अब लदने वाले हैं। निरीक्षण के नाम पर स्कूल के दौरे में सिर्फ कागजी खानापूरी, शिक्षकों की उपस्थिति और विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन की वह अब तक पड़ताल करते रहे हैं। उनका स्कूल की पढ़ाई लिखाई से दूर-दूर तक नाता नहीं रहा है। आसन्न शैक्षिक सत्र में यह सब नहीं चलेगा, खंड शिक्षाधिकारियों (एबीएसए) को भी अब स्कूल में 'मास्साब' बनना होगा। यानी किसी कक्षा में उनको पढ़ाना होगा और यह पता करना होगा कि पाठ्यक्रम कितना पूरा किया गया है।
'आज पढ़ाई कल छुट्टी, परसों आएंगे डिप्टी' यह लाइनें अर्से पहले प्राथमिक स्कूलों के बच्चों से स्कूल के निरीक्षण की सूचना के रूप में सुनी जाती रही हैं। डिप्टी का आशय आज के एबीएसए या खंड शिक्षाधिकारी से है लेकिन मौजूदा दौर में एबीएसए के निरीक्षण का इकबाल पहले जैसा नहीं है। वह स्कूलों का निरीक्षण तो करते हैं लेकिन उनकी प्राथमिकता सूची में भवन निर्माण, रंगाई-पुताई, पुस्तक व ड्रेस वितरण, छात्रवृत्ति, मिडडे-मील के अलावा शिक्षकों की उपस्थिति का भौतिक सत्यापन करना है। ऐसे में प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाचार्य तो निरीक्षण से दबाब में रहते हैं लेकिन शिक्षक यदि स्कूल में मौजूद हैं तो उन्हें 'साहब' का कोई डर नहीं रहता है क्योंकि निरीक्षण में बच्चों से एबीएसए का कोई वास्ता नहीं होता है।
नये शैक्षिक सत्र के लिए सरकार ने खासी तैयारी की है, शिक्षकों को जवाबदेह बनाने के लिए इस बार शैक्षिक पंचांग बनाया गया है। पंचांग की विशेषता यह है कि किस माह में किस कक्षा में क्या पढ़ाया जाना है, इसका पूरा जिक्र है। ऐसे में कक्षा से दूर रहने वाले शिक्षकों को भी निरीक्षण के समय बगले झांकना पड़ सकता है। इतना ही नहीं एबीएसए को भी निर्देश दिया जाएगा कि वह निरीक्षण के समय विद्यार्थियों से जरूर मिलें और देखें कि उन्हें अब तक क्या पढ़ाया गया है। एक कक्षा में एबीएसए मॉडल के रूप में पढ़ाएंगे भी ताकि शिक्षक उससे प्रेरणा ले सकें। वह ग्राम शिक्षा समिति के सदस्यों और अभिभावकों से भी मिलेंगे और उनसे शिक्षा व्यवस्था में सुधार पर चर्चा करेंगे।
- जुलाई या अगस्त में होगी बैठक
इलाहाबाद : अपर शिक्षा निदेशक बेसिक कु. रमेश शर्मा ने कहा है कि पहली बार प्रदेश भर के एबीएसए की इलाहाबाद में बैठक बुलाई जाएगी। यह जुलाई के अंतिम या फिर अगस्त के प्रथम सप्ताह में होगी। इसमें सभी शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिया जाएगा कि वह शिक्षण कार्य पर विशेष जोर दें। बाकी कार्य स्कूल बंद होने के बाद करें। एडी ने कहा कि विभिन्न जनपदों में इसका निरीक्षण खुद करेंगे व टीमें बनवाकर करवाएंगे ताकि असलियत सामने आए। यही नहीं हर तीसरे महीने एबीएसए की बैठक बुलाएंगे व उनसे कहेंगे कि हम लोगों को वह पढ़ाएं जो उन्होंने स्कूलों में बच्चों को पढ़ाया है।
स्कूल में 'साहब' भी बनेंगे 'मास्साब' : खंड शिक्षाधिकारियों को भी अब स्कूल में पढ़ाना होगा
Reviewed by Brijesh Shrivastava
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6:54 PM
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1 comment:
rte me prvekshn ko nirikshn banane wale sahibi ki dhak jamane wale absa ab janege ki bachchon ko padhana aur logbook me akhya likhna dono me kitna antar hai .
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