शिक्षकों को पूरा करना होगा दाखिले का टार्गेट
- प्रत्येक शिक्षक को दिया जाएगा अलग-अलग लक्ष्य
- टार्गेट पूरा न करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में अब बच्चों के दाखिले के लिए शिक्षकों को टार्गेट दिया जाएगा। प्रत्येक शिक्षक के साथ शिक्षा मित्रों को लगाया जाएगा, जो इस काम में उनका सहयोग करेंगे। टार्गेट पूरा न करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शासन स्तर पर हुई बैठक में इस पर सहमति बन गई है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों की शिक्षा अनिवार्य कर दी गई है। इसके बावजूद इस आयु वर्ग के सभी बच्चों का स्कूलों में दाखिला नहीं हो पा रहा है। परिषदीय स्कूलों में नाम लिखाने के बाद भी बच्चे बीच में स्कूल छोड़ देते हैं या फिर अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजते हैं।
बच्चों के दाखिले के लिए स्कूल चलो अभियान चलाया जाता है। इस बार यह अभियान स्कूल खुलने के दिन 1 जुलाई से शुरू होगा। इसके तहत प्रभातफेरियां निकाली जाएंगी और शिक्षक व स्वयंसेवी संस्था के सदस्य घर-घर जाकर अभिभावकों को बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए प्रेरित करेंगे। जुलाई में अभियान समाप्त होने के बाद शिक्षक व शिक्षा मित्र 16 से 31 अगस्त तक हाउस होल्ड सर्वे कर बेसिक शिक्षा अधिकारी को रिपोर्ट देंगे। इस दौरान पता लगाया जाएगा कि क्षेत्र के कितने बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। इसके बाद ऐसे बच्चों की सूची बनाई जाएगी और शिक्षकों को इनका दाखिला दिलाने का लक्ष्य दिया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग पहली बार ऐसा प्रयोग करने जा रहा है।
शिक्षकों को पूरा करना होगा दाखिले का टार्गेट
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
8:46 AM
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