बीटीसी बैच 2013 का हाल, अभ्यर्थियों का अभाव : 10600 सीट को तीसरी सूची का इंतजार
- बीटीसी बैच 2013 का हाल, अभ्यर्थियों का अभाव
- 10600 सीटें भरने के लिए अभ्यर्थियों को तीसरी सूची का इंतजार
- निजी बीटीसी कॉलेजों में सीटें खाली
यहां उल्टी गंगा बह रही है। जहां एक ओर शैक्षिक योग्यता हासिल करने के लिए कॉलेजों में प्रवेश के लिए मारामारी मची है, वहीं दूसरी ओर प्रोफेशनल कॉलेजों को अभ्यर्थियों के आने का अर्से से इंतजार है। प्रदेशभर के निजी बीटीसी कॉलेज अभ्यर्थियों के अभाव में सूने हैं। इनकी सीटें भरने के लिए दो मेरिट लिस्ट जारी हो चुकी हैं, लेकिन दूरदराज के कॉलेज में पढ़ने से अभ्यर्थी बच रहे हैं। अब तीसरी मेरिट लिस्ट की राह देखी जा रही है, जो इसी माह जारी होने की उम्मीद है। संभावना है कि तीसरी लिस्ट की मेरिट नीचे होने की वजह से पर्याप्त संख्या में अभ्यर्थी विभिन्न निजी बीटीसी कालेजों में एडमिशन लेंगे।
प्रदेश भर के बेसिक शिक्षा परिषद के भावी शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए 71 जनपदों में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) खुले हैं। इनमें से अधिकांश में करीब दो सौ सीटें हैं ऐसे में चौदह हजार से अधिक प्रशिक्षित शिक्षक यहां से निकलते हैं। शिक्षकों की बढ़ती मांग को देखते हुए 619 निजी कॉलेज भी खुले, जहां हर कॉलेज को पचास सीटें दी गई हैं। प्रदेश सरकार ने हाल में ही 76 नए निजी कॉलेजों को संबद्धता दी है। ऐसे में निजी कॉलेजों की संख्या बढ़कर 695 हो गई है। प्रदेश भर की लगभग सभी डायटों की सीटें 2013 बैच से भर गई हैं, लेकिन निजी कॉलेजों की तमाम सीटें खाली पड़ी हैं। ऐसी स्थिति में निजी बीटीसी कालेजों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यो के माथे पर बल है। हालांकि इनको भरने के लिए सचिव नियामक परीक्षा प्राधिकारी कार्यालय से दो मेरिट लिस्ट जारी की गई है, लेकिन सीटें भरना तो दूर सिर्फ उन्हीं कॉलेजों की ओर कुछ छात्रों ने रुख किया, जो कॉलेज शहर में या उससे बेहद करीब थे। शहर से दूर कॉलेजों से अभ्यर्थियों ने तौबा की है।
पहले अभ्यर्थियों को अपने ही जनपद में प्रवेश मिल जाता था, लेकिन अब प्रदेश के किसी भी कोने में जाना पड़ सकता है। वैसे अभ्यर्थी अपनी पसंद के दस जनपदों का चयन करते हैं, लेकिन शुरुआत के पांच जनपदों को छोड़कर बाकी जिलों की ओर जाने में वे रुचि नहीं दिखाते। प्रदेश के निजी कॉलेजों में खाली सीटों की संख्या इस समय 10600 के लगभग है। इन सीटों को भरने के लिए इसी महीने तीसरी सूची जारी हो सकती है। ‘पूरे प्रदेश से बीटीसी 2013 की खाली सीटों की सूचनाएं मंगा ली गई हैं, जल्द ही तीसरी सूची जारी होगी, ताकि सभी सीटें जल्द भर जाएं।’
नीना श्रीवास्तव, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद।
प्रदेश भर के बेसिक शिक्षा परिषद के भावी शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए 71 जनपदों में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) खुले हैं। इनमें से अधिकांश में करीब दो सौ सीटें हैं ऐसे में चौदह हजार से अधिक प्रशिक्षित शिक्षक यहां से निकलते हैं। शिक्षकों की बढ़ती मांग को देखते हुए 619 निजी कॉलेज भी खुले, जहां हर कॉलेज को पचास सीटें दी गई हैं। प्रदेश सरकार ने हाल में ही 76 नए निजी कॉलेजों को संबद्धता दी है। ऐसे में निजी कॉलेजों की संख्या बढ़कर 695 हो गई है। प्रदेश भर की लगभग सभी डायटों की सीटें 2013 बैच से भर गई हैं, लेकिन निजी कॉलेजों की तमाम सीटें खाली पड़ी हैं। ऐसी स्थिति में निजी बीटीसी कालेजों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यो के माथे पर बल है। हालांकि इनको भरने के लिए सचिव नियामक परीक्षा प्राधिकारी कार्यालय से दो मेरिट लिस्ट जारी की गई है, लेकिन सीटें भरना तो दूर सिर्फ उन्हीं कॉलेजों की ओर कुछ छात्रों ने रुख किया, जो कॉलेज शहर में या उससे बेहद करीब थे। शहर से दूर कॉलेजों से अभ्यर्थियों ने तौबा की है।
पहले अभ्यर्थियों को अपने ही जनपद में प्रवेश मिल जाता था, लेकिन अब प्रदेश के किसी भी कोने में जाना पड़ सकता है। वैसे अभ्यर्थी अपनी पसंद के दस जनपदों का चयन करते हैं, लेकिन शुरुआत के पांच जनपदों को छोड़कर बाकी जिलों की ओर जाने में वे रुचि नहीं दिखाते। प्रदेश के निजी कॉलेजों में खाली सीटों की संख्या इस समय 10600 के लगभग है। इन सीटों को भरने के लिए इसी महीने तीसरी सूची जारी हो सकती है। ‘पूरे प्रदेश से बीटीसी 2013 की खाली सीटों की सूचनाएं मंगा ली गई हैं, जल्द ही तीसरी सूची जारी होगी, ताकि सभी सीटें जल्द भर जाएं।’
नीना श्रीवास्तव, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद।
खबर साभार : दैनिक जागरण
बीटीसी बैच 2013 का हाल, अभ्यर्थियों का अभाव : 10600 सीट को तीसरी सूची का इंतजार
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
6:00 AM
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