हाईकोर्ट ने 72825 शिक्षकों की भर्ती मामले में राज्य सरकार से किया जवाब-तलब
हाईकोर्ट ने प्राथमिक स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती मामले में राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है। कोर्ट में दाखिल याचिका में एनसीटीई की 2010 एवं 2011 की अधिसूचना की वैधानिकता को चुनौती दी गई है। मामले की अगली सुनवाई सात अक्टूबर को होगी। न्यायालय ने इसमें केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाने को कहा है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश व न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता की खंडपीठ ने नीरज कुमार राय व अन्य की याचिका पर दिया है। उल्लेखनीय है कि प्राथमिक स्कूलों में सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में राज्य सरकार ने परास्नातक अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग से रोक दिया था।
दरअसल एनसीटीई ने 2007 में अधिसूचना जारी की थी कि परास्नातक या फिर स्नातक में पचास फीसदी अंक पाने वाले ही बीएड करने के अर्ह होंगे। बाद में 2010 एवं 2011 में संशोधित अधिसूचना में कहा गया है कि स्नातक में ही पचास फीसदी अंक पाने वाले ही बीएड करने के अर्ह होंगे। ऐसे हालात में नीरज कुमार ने याचिका में एनसीटीई की ओर से जारी 23 अगस्त 2010 व संशोधित 29 जुलाई 2011 की अधिसूचना के क्लाज 3(1)(3) की वैधानिकता को चुनौती दी गई है। जिसके तहत बीएड में पचास प्रतिशत से कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग में रोके जाने का प्रावधान है।
खबर साभार : दैनिक जागरण
हाईकोर्ट ने 72825 शिक्षकों की भर्ती मामले में राज्य सरकार से किया जवाब-तलब
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
5:44 AM
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