मदरसा शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने की तैयारी : 17 हजार को मिल सकेगा लाभ
- मदरसा शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने की तैयारी
- शिक्षकों को एक से तीन हजार रुपये तक का होगा फायदा
- 17 हजार मदरसा शिक्षकों को मिल सकेगा इसका लाभ
किसे कितना मानदेय
- शिक्षकों की श्रेणी >> वर्तमान >> प्रस्तावित
- पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षक >> 12000 रुपये >> 15000 रुपये
- ग्रेजुएट शिक्षक >> 6000 रुपये >> 8000 रुपये
- अंडर ग्रेजुएट शिक्षक >> 3000 रुपये >> 4000 रुपये
लखनऊ।
प्रदेश के मदरसा शिक्षकों के अच्छे दिन आने वाले हैं। अखिलेश यादव सरकार
जल्द ही इन्हें बढ़े हुए मानदेय का तोहफा देने वाली है। अल्पसंख्यक कल्याण
विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसके तहत मदरसा शिक्षकों को
एक हजार रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तक का फायदा होगा।
केंद्र
सरकार की मदरसा आधुनिकीकरण योजना में प्रदेश के कई मदरसों को अनुदान मिलता
है। इसके तहत मदरसों में आधुनिक विषय पढ़ाने के लिए शिक्षकों को केंद्र
सरकार की ओर से मानदेय दिया जाता है। प्रदेश सरकार अब इसमें अपना अंश भी
जोड़ेगी। ऐसे में मदरसा शिक्षकों को पहले से ज्यादा मानदेय मिल सकेगा।
अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग की ओर से इस संबंध में तैयार किए गए
प्रस्ताव को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो. आजम खां ने भी हरी झंडी दे दी
है। अब इसे वित्त व न्याय विभाग भेजा जा रहा है। वहां से आने के बाद इसे
कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। वहां से मुहर लगने के बाद प्रदेश के करीब
17 हजार मदरसा शिक्षकों को इसका लाभ मिल सकेगा।
यह है मदरसा आधुनिकीकरण योजना
केंद्र
सरकार की ओर से मदरसों में पारंपरिक शिक्षा के अलावा विज्ञान, गणित, भाषा व
सामाजिक अध्ययन जैसे विषय पढ़ाने के लिए मदरसों को अनुदान दिया जाता है।
इसके तहत प्रत्येक मदरसे में पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षक को 12 हजार, ग्रेजुएट
शिक्षक को छह हजार व अंडर ग्रेजुएट शिक्षक को तीन हजार रुपये प्रतिमाह
मानदेय मिलता है। हाईस्कूल एवं इससे ऊपर के मदरसों में कंप्यूटर लैब विकसित
करने के लिए एक लाख रुपये का अनुदान दिया जाता है। साइंस लैब के लिए भी
केंद्र सरकार अनुदान देती है। इन दोनों लैब के रख-रखाव के लिए भी पैसा दिया
जाता है। किताबें और पुस्तकालय के नाम पर भी 50 हजार रुपये सालाना केंद्र
सरकार से मिलते हैं।
खबर साभार : अमर उजाला
मदरसा शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने की तैयारी : 17 हजार को मिल सकेगा लाभ
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
3:56 AM
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