बीटीसी 2013 की सीटें भरने के लिए अब हुआ गंभीर : एक भी सीट खाली ना रहने देने का निर्णय

एक साल विलंब से ही सही शिक्षा विभाग अब बीटीसी 2013 की सीटें भरने के लिए गंभीर हुआ है। दो बार काउंसिलिंग होने के बाद भी प्रदेश भर में लगभग साढ़े दस हजार बीटीसी की सीटें खाली पड़ी हैं। इस बार ऐसी तैयारी की जा रही है कि तीसरी काउंसिलिंग में ही सारी सीटें फुल हो जाएं। राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने तीसरी काउंसिलिंग के लिए कट ऑफ जारी करने का जिम्मा एनआइसी के बजाय परीक्षा नियामक प्राधिकारी को सौंपा है। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इसी महीने बीटीसी 2013 की खाली सीटों के लिए कट ऑफ जारी किया जाएगा।

माना जा रहा है कि प्रति सीट पांच से सात दावेदारों का कट ऑफ जारी किए जाने की उम्मीद है। दरअसल इतनी बड़ी तादाद में सीटें जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थानों में नहीं खाली हैं, बल्कि निजी कॉलेजों में ही खाली सीटों की संख्या बहुतायत में है। प्रदेश में 71 जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान हैं। वहां की लगभग सारी सीटें शुरुआत में ही फुल हो गई थीं। निजी कॉलेजों की खाली सीटों की संख्या उस समय और बढ़ गई जब प्रदेश सरकार ने मध्य सत्र में करीब 76 कॉलेजों को मान्यता प्रदान कर दी। बड़ी संख्या में सीटें खाली होने का कारण निजी कॉलेजों का शहर मुख्यालयों से दूर होना है जहां अधिकतर युवा दाखिला नहीं लेना चाहते हैं।

एनआइसी के बजाय परीक्षा नियामक प्राधिकारी जारी करेंगे कट ऑफ‘बीटीसी 2013 का कट ऑफ अगले हफ्ते जारी होने की उम्मीद है। ऐसा प्रयास है कि इस बार सारी सीटें हर हाल में भर जाएं, ताकि फिर काउंसिलिंग न करानी पड़े’1-नीना श्रीवास्तव, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद।

खबर साभार :  दैनिक जागरण 



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बीटीसी 2013 की सीटें भरने के लिए अब हुआ गंभीर : एक भी सीट खाली ना रहने देने का निर्णय Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:16 AM Rating: 5

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