अक्षयपात्र द्वारा स्कूल में बंटे पैकेट बंद दूध से दो मासूम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ती ने दम तोड़ा, 38 बीमार, एमडीएम बना जानलेवा
मथुरा: रिफाइनरी क्षेत्र के डायट परिसर स्थित प्राथमिक विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र में वितरित पैक्ड दूध से कांशीराम आवासीय कॉलोनी के दो बच्चों और एक कार्यकर्ता की मौत हो गई। वहीं 38 बच्चों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। डीएम ने कहा है कि प्रारंभिक तौर पर लगता है कि मौतें दूध से ही हुई हैं, इसलिए पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।
डायट परिसर में प्राथमिक विद्यालय, पूर्व माध्यमिक विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र में कांशीराम आवासीय कॉलोनी के 70 बच्चे पढ़ते हैं। बुधवार को इन स्कूलों में अक्षयपात्र संस्था की ओर से अमूल मोती ब्रांड के पैक्ड दूध के पैकेट बच्चों को पीने के लिए दिए गए। कुछ बच्चे पैक्ड दूध घर ले गए। कॉलोनी के ब्लॉक 58 में रहने वाले जाफर अली के चार वर्षीय पुत्र जीशान की बुधवार रात तबियत खराब हो गई। उल्टी-दस्त, पेट में दर्द से जीशान तड़पता रहा। देर रात उसने दम तोड़ दिया। इधर, ब्लॉक संख्या 70 निवासी पूरन सिंह की साढ़े तीन साल की पुत्री कीर्ति भी रातभर पेट दर्द, उल्टी, दस्त से परेशान रही। उसकी भी गुरुवार तड़के मौत हो गई। गुरुवार सुबह कॉलोनी के लोग स्कूल पहुंचे।
प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका मधु कुमारी ने कहा कि जिन बच्चों की मौत हुई, वह उनके स्कूल में नहीं पढ़ते। परंतु इस बात का जवाब नहीं दिया कि दूसरे बच्चे कैसे बीमार हुए। आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकत्रियों ने जरूर स्वीकार किया कि चार वर्षीय जीशान तीन-चार दिन से केंद्र पर आ रहा था, लेकिन उसका नाम रजिस्टर में दर्ज नहीं हुआ था।
लोगों का गुस्सा बढ़ता देख सुबह 11 बजे डीएम राजेश कुमार, एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी कॉलोनी पहुंचे और बीमार बच्चों को अस्पतालों में भर्ती कराया। कांशीराम आवासीय कॉलोनी निवासी 38 वर्षीय ऊषा भी केंद्र पर बचे दूध के पैकेट घर ले गईं और रात खीर बनाकर खाई। देर रात उसकी तबियत बिगड़ गई और गुरुवार शाम मौत हो गई।
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