जांच में फर्जी पाये गए विकलांग शिक्षकों की सेवाएं होंगी खत्म, 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत लगाए थे फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र
लखनऊ । फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी करने वाले करीब 274 शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत शासनादेश जारी कर कार्रवाई के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को अधिकृत कर दिया गया है। यह सभी शिक्षक प्राथमिक विद्यालयों में 72,825 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत बीते वर्ष नियुक्त हुए थे। लेकिन अब जांच में फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है।
राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में 72,825 शिक्षकों के भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। शासनादेश के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया में दो प्रतिशत आरक्षण का लाभ विकलांग कैटेगरी के स्टूडेंट्स के लिए रखा गया था। इसके तहत इस पूरी भर्ती प्रक्रिया के तहत करीब 1460 पदों पर नियुक्ति का लाभ विकलांग आवेदकों को दिया गया। सूत्रों की मानें तो शासन को शिकायत मिली कि करीब 500 अभ्यर्थियों ने फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर सीएमओ कार्यालय में साठगांठ कर चयन प्रक्रिया में लगा दिए हैं। जिसको देखते हुए शासन ने संदिग्ध प्रमाण पत्रों और शिकायती पत्रों को देखते हुए जांच कराने का निर्णय लिया।
जांच में पकड़े गए 274 फर्जी प्रमाण पत्रशासन ने सीएमओ कार्यालयों में एक विशेष बोर्ड बनवाकर प्रमाणपत्रों व आवेदकों की जांच के आदेश दिए हैं। जांच के दौरान मेडिकल अफसरों ने पाया कि करीब 274 प्रमाण पत्रों को बनवाने वाले आवेदक वास्तविक तौर पर विकलांग नहीं थे। ऐसे हालात में शासन ने सीएमओ कार्यालय की रिपोर्ट के आधार पर 274 आवेदकों की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसारए 274 शिक्षकों को नोटिस जारी की जा चुकी है। हालांकि इस मामले में बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने व्यस्त होने का हवाला देकर बात नहीं की।
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