बेसिक स्कूलों में तैनात शिक्षकों को चाहिये घर के बगल का स्कूल, सत्ताधारी दल के नेताओं से लेकर मंत्रियों के सिफारशी पत्रों का विभाग में लगा अम्बार
प्लीज मंत्री जी! घर के निकट स्कूल में करा दो तैनाती
अम्बेडकरनगर। प्लीज मंत्री जी! घर के स्कूल में तैनाती करा दो। दूर स्कूल से दिक्कत हो रही है। सास ससुर बीमार हैं। बच्चों की परवरिश में दिक्कत आ रही है। माता पिता की तबीयत खराब रहती है और सेवा करने में दिक्कत हो रही है। जी हां यह सच है कि बेसिक स्कूलों में तैनात सभी शिक्षिकों को अपने घर के बगल के स्कूल में ही तैनाती चाहिए। वे बेसिक शिक्षा मंत्री और सत्ताधारी दल के नेताओं की चौखट नाप रहे हैं और बीएसए से सिफारिश करवा रहे हैं।मंत्री से लेकर सपा नेताओं के सिफारिश वाले पत्रों का बीएसए कार्यालय में अम्बार लग गया है।
परिषदीय स्कूलों की शिक्षा रामभरोसे है। कहीं शिक्षक कम तो कहीं शिक्षामित्र के भरोसे पांच पांच कक्षा की शिक्षा व्यवस्था है। उस पर विडम्बना यह कि बीते दिनों सवा से अधिक शिक्षक और प्रधानाध्यापक सेवानिवृत हो गए। फिलहाल सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के आदेश पर मौके पर बेसिक शिक्षा विभाग व्यवस्थापन कर रहा है ताकि एकल विद्यालय न रहे और सुचारू शिक्षण कार्य से शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार किया जा सके। पहले चरण में महिला और विकलांग को तैनात किया जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग की कवायद का ऐसा असर है कि किसी की सास बीमार है तो किसी के ससुर की तबीयत खराब हो गई है। किसी के बच्चे छोटे हैं तो कोई पति के भी नौकरी में होने से दूरी पर दिक्कत का सामना कर रही है। कोई शासनादेश का हवाला देकर घर या घर के बगल के स्कूल में अपनी तैनाती के लिए मंत्री से लेकर नेताओं तक की और सचिव से लेकर बीएसए तक की सिफारिश कर रहे हैं।
परिषदीय स्कूलों की शिक्षा रामभरोसे है। कहीं शिक्षक कम तो कहीं शिक्षामित्र के भरोसे पांच पांच कक्षा की शिक्षा व्यवस्था है। उस पर विडम्बना यह कि बीते दिनों सवा से अधिक शिक्षक और प्रधानाध्यापक सेवानिवृत हो गए। फिलहाल सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के आदेश पर मौके पर बेसिक शिक्षा विभाग व्यवस्थापन कर रहा है ताकि एकल विद्यालय न रहे और सुचारू शिक्षण कार्य से शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार किया जा सके। पहले चरण में महिला और विकलांग को तैनात किया जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग की कवायद का ऐसा असर है कि किसी की सास बीमार है तो किसी के ससुर की तबीयत खराब हो गई है। किसी के बच्चे छोटे हैं तो कोई पति के भी नौकरी में होने से दूरी पर दिक्कत का सामना कर रही है। कोई शासनादेश का हवाला देकर घर या घर के बगल के स्कूल में अपनी तैनाती के लिए मंत्री से लेकर नेताओं तक की और सचिव से लेकर बीएसए तक की सिफारिश कर रहे हैं।
- दूरी अधिक से आने जाने में है फहमीदा को दिक्कत
- मीसम को चाहिए गृह कस्बे में तैनाती
मीसम रजा पुत्र जहीर हसन मोहल्ला उस्मानपुर कस्बा जलालपुर के निवासी है। वे शिक्षा क्षेत्र भियांव के प्राथमिक विद्यालय निमटिनी के प्रधानाध्यापक हैं। उनके अनुसार उनके माता पिता तबीयत खराब रहती है। माता पिता की देखभाल उन्हे ही करना पड़ता है। इससे विद्यालय आने जाने में दिक्कत होती है। वे अपना स्थानांतरण उच्च प्राथमिक विद्यालय हाफिजपुर अथवा जलालपुर के निकटतम किसी रिक्त उच्च प्राथमिक विद्यालय में कराने की मांग मंत्री अहमद हसन से करते सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को आदेशित करने की। मंत्री अहमद हसन ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को मीसम रजा के इच्छित विद्यालय में तैनाती कराने का आदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को दिया है और प्राथमिकता के आधार पर तैनाती कराने को कहा है।
- पत्नी के विद्यालय के निकट चाहिए नसीमुद्दीन को तैनाती
शिक्षा क्षेत्र
रामनगर के प्राथमिक विद्यालय मंसूरगंज के प्रधानाध्यापक नसीमुद्दीन हैं।
उनकी पत्नी साबेकुन्नेहार प्राथमिक विद्यालय मोहिउद्दीनपुर शिक्षा क्षेत्र
टांडा में तैनात हैं। नसीमुद्दीन ने मंत्री अहमद हसन को पत्र देकर अपने और
पत्नी के तैनाती वाले विद्यालय में 50 किमी की दूरी होना बताया है। अपील की
है कि उसका स्थानांतरण पत्नी की तैनाती वाले विद्यालय के निकट कराने की
मांग की है। पति-पत्नी के सेवा में होने की दशा में उनके विद्यालयों में
अधिकतम सात किमी की दूरी होने के शासनादेश का हवाला दिया है। मंत्री से
शिक्षा क्षेत्र टांडा के प्राथमिक विद्यालय फरीदपुर कुतुब या पीएस लालापुर
में तैनात कराने की मांग की है। मंत्री अहमद हसन ने सचिव बेसिक शिक्षा
परिषद को नसीमुद्दीन के इच्छित विद्यालय में तैनाती कराने का आदेश दिया है।
- यूथ बिग्रेड अध्यक्ष ने मेराज की सिफारिश
बेसिक स्कूलों में तैनात शिक्षकों को चाहिये घर के बगल का स्कूल, सत्ताधारी दल के नेताओं से लेकर मंत्रियों के सिफारशी पत्रों का विभाग में लगा अम्बार
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
6:00 AM
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