धांधली की शिकायतों के मद्देनजर बीएड, एमएड, बीपीएड कालेजों का एनसीटीई करेगा सत्यापन, आदेश जारी कर 13 जून तक मांगे कई दस्तावेज

🔔 13 जून तक उपलब्ध कराएं ये दस्तावेज

🔴 संस्थान में सेवारत शिक्षकों की सूची (विश्वविद्यालय से सत्यापित)।

🔴 शासन से सत्यापित कालेज भवन से जुड़ी सभी जानकारी। मसलन, प्रयोगशाला, प्लाट नंबर, खसरा नंबर, क्षेत्रफल, बहुउद्देश्यीय हाल का क्षेत्रफल, कक्षाओं की स्थिति आदि।

🔴 संस्थान भवन निर्माण के बारे में शासन से सत्यापित प्रमाण पत्र की प्रति

🔴 संस्थान का वित्तीय लेखा-जोखा, जिसमें एंडोवमेंट फंड, रिजर्व फंड आदि के बारे में उल्लेख हो।

शिक्षक प्रशिक्षण कालेजों में धांधली की शिकायतों के मद्देनजर एनसीटीई अब सभी कालेजों का सत्यापन करेगी। बीएड, एमएड और बीपीएड कालेजों के लिए जारी नये निर्देशों के मुताबिक सत्यापन न कराने वाले कालेजों अथवा जिन कालेजों में अनियमितता पाई गई, वहां की सत्र 2016-17 की मान्यता समाप्त कर दी जाएगी।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) जयपुर क्षेत्रीय केंद्र द्वारा गुरुवार को इस संबंध में नोटिस जारी किया गया है। इसके मुताबिक 13 जून तक सभी मान्यता प्राप्त बीएड, एमएड तथा बीपीएड कालेजों से एनसीटीई रेग्यूलेशन : 2014 की अर्हता साबित करने वाले कई दस्तावेज मांगे गए हैं। 13 जून तक दस्तावेज मंगाने के बाद एनसीटीई इनका परीक्षण करेगी, जिसके बाद उन कालेजों की सत्र 2016-17 की मान्यता पर निर्णय लिया जाएगा। सत्यापन की इस प्रक्रिया में सभी संबंधित संस्थानों की भागीदारी अनिवार्य है। एनसीटीई जयपुर का यह निर्देश उत्तर प्रदेश के साथ उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के कालेजों के लिए लागू होगा।

बीएड काउंसिलिंग पर पड़ सकता असर : एनसीटीई ने कालेजों के सत्यापन के लिए 13 जून तक दस्तावेज मांगे हैं, इस तारीख के बाद सत्र 2016-17 की मान्यता पर निर्णय होगा। वहीं छह जून से लखनऊ विश्वविद्यालय की मेजबानी में बीएड काउंसिलिंग शुरू हो रही है। ऐसे में सत्यापन की इस प्रक्रिया का असर काउंसिलिंग के बाद प्रवेश ले चुके छात्रों पर भी पड़ सकता है।

धांधली की शिकायतों के मद्देनजर बीएड, एमएड, बीपीएड कालेजों का एनसीटीई करेगा सत्यापन, आदेश जारी कर 13 जून तक मांगे कई दस्तावेज Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:15 AM Rating: 5

No comments:

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.