निरक्षरों की आठवीं तक पढ़ाई होगी मुफ्त, छ साल में बेसिक लिटरेसी सर्टिफिकेट देकर 81 लाख से ज्यादा को साक्षर करने का दावा
लखनऊ : प्रदेश में निरक्षर लोगों को आठवीं कक्षा तक की शिक्षा निश्शुल्क देने की तैयारी की जा रही है। पंद्रह वर्ष से अधिक उम्र के निरक्षर लोगों को अभी बेसिक लिटरेसी सर्टिफिकेट की पढ़ाई मुफ्त में करवाई जाती है, लेकिन अब समतुल्य कार्यक्रम के अंतर्गत नेशनल स्कूल ऑफ ओपन लर्निग (एनआइओएस) के माध्यम से इन्हें आठवीं तक पढ़ाई करवाई जाएगी।
इसमें दो लेवल होंगे पहला ए लेवल कक्षा पांचवीं तक और दूसरा बी लेवल कक्षा आठवीं तक होगा। यूपी में बेसिक लिटरेसी सार्टिफिकेट कोर्स के लिए हर वर्ष मार्च व अगस्त में परीक्षा होती है। यूपी में साक्षरता, वैकल्पिक शिक्षा, उर्दू एवं प्राच्य भाषायें निदेशालय के निदेशक अवध नरेश शर्मा ने बताया कि साक्षरता दर को बढ़ाने के लिए लोक शिक्षण केंद्रों के माध्यम से और बेहर ढंग से पहल की जा रही है।
प्रदेश में अभी साक्षरता 67.78 प्रतिशत है, इसे आगे 85 प्रतिशत तक पहुंचाना है। क्योंकि यूपी में महिलाओं व पुरुषों की साक्षरता दर में करीब 20.1 प्रतिशत का अंतर है, ऐसे में इस अंतर को दस प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा गया है।
कैदियों को पकड़ाई कलम, सम्मान आज :
जिला कारागार फीरोजाबाद के जेल अधीक्षक मोहम्मद अकरम खान ने कैदियों को साक्षर बनाने में उल्लेखनीय कार्य किया है। इन्होंने निरक्षर कैदियों के लिए विशेष केंद्र संचालित कर राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालयी शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित परीक्षा में इन कैदियों को शामिल करवाकर साक्षर बनाया है। इन्हें अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर गुरुवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा। इससे पहले गौतमबुद्धनगर जेल में भी कैदियों को अक्षर ज्ञान दिलवाने में मदद की। इन्हें वर्ष 2015 में राष्ट्रपति द्वारा सेवा पदक भी दिया जा चुका है।
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