एलान के बाद भी 32 हजार शिक्षामित्रों का नहीं बढ़ा मानदेय, अप्रैल से मानदेय बढ़ोत्तरी की आस लगाए शिक्षामित्रों को निराशा लगी हाथ
इलाहाबाद : प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने का एलान कर चुकी है लेकिन, उस पर अब तक अमल नहीं हुआ है। शिक्षामित्रों को उम्मीद थी कि घोषणा का एक अप्रैल से अनुपालन हो जाएगा लेकिन, 32 हजार शिक्षामित्रों को निराशा हाथ लगी है।
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सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक डॉ. वेदपति मिश्र ने शुक्रवार को तीन माह का लंबित मानदेय बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजा है। इसमें सभी को पुराने दर 3500 रुपये प्रतिमाह की दर पर भुगतान हुआ है। बेसिक विद्यालयों में करीब 26500 सर्व शिक्षा अभियान व 5500 बेसिक शिक्षा परिषद के तहत शिक्षामित्र हैं। इन्हें लंबे समय से पुरानी दर पर ही भुगतान हो रहा है। यह शिक्षामित्र शिक्षक के रूप में समायोजन की मांग कर रहे हैं।
प्रदेश की भाजपा सरकार ने इन शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाकर दस हजार रुपये करने को कहा था, लेकिन उनका प्रस्ताव अब तक लंबित है। प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने सरकार से मांग की है कि वह अपने वादे पर अमल करे।
चयन बोर्ड में नियुक्तियां होंगी प्रभावित : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र की सचिव रूबी सिंह के तबादले के बाद नियुक्तियां प्रभावित होने के पूरे आसार हैं। इसकी वजह यह है कि 15 जुलाई से 2011 प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक के रिजल्ट जारी होने की घोषणा की गई थी यह परिणाम सचिव की ही देखरेख में जारी होते रहे हैं। साथ ही 2016 की लिखित परीक्षा अक्टूबर होने पर भी संशय बना है। उसकी भी जिम्मेदारी सचिव को ही सौंपी गई थी। अब तक चयन बोर्ड में सचिव के पद पर कोई तैनाती नहीं हुई है। इससे अभ्यर्थी असमंजस में है। सभी सोमवार से आंदोलन छेड़ने की तैयारी में है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक नया सचिव तैनात न हो चयन बोर्ड सचिव रूबी को कार्यमुक्त न करें।
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