स्कूलों के सुरक्षा इंतजाम पर केंद्र की रहेगी सीधी नजर, राज्यों में क्रियान्वयन के तरीके पर फैसला बाकी
नई दिल्ली : स्कूलों के सुरक्षा इंतजाम पर केंद्र अब सीधी नजर रखेगा। मोदी सरकार ने इसके लिए सचिवों की एक उच्च स्तरीय कमेटी के गठन का फैसला लिया है। इसमें फिलहाल मानव संसाधन, महिला एवं बाल विकास सहित स्कूलों से जुड़े अन्य विभागों के सचिव शामिल होंगे। सोमवार को मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और महिला कल्याण व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के बीच स्कूली बच्चों की सुरक्षा के मुद्दे पर हुई लंबी चर्चा में इस बात पर सहमति बनी है। हालांकि अभी यह तय किया जाना बाकी है कि इसे राज्यों में कैसे क्रियान्वित किया जाएगा। सचिवों की बैठक में इसका रास्ता निकालने की कोशिश होगी।
दोनों केंद्रीय मंत्रियों के बीच चर्चा में सामने आया कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर जारी दिशा-निर्देशों के बाद भी इस पर कड़ाई से अमल नहीं हो पा रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से तैयार होने वाली यह टीम समय-समय पर स्कूलों के सुरक्षा इंतजामों की जांच करेगी। साथ ही दिशा-निर्देशों का पालन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई भी करेगी। इस बारे में मेनका गांधी ने बताया कि उन्होंने इसके अलावा भी मानव संसाधन मंत्री को कई सुझाव दिए हैं, जिन पर आने वाले समय में अमल होते दिखेगा। स्कूलों के सुरक्षा इंतजाम पर नजर रखने के लिए गठित होने वाली सचिवों की टीम में मानव संसाधन विकास, महिला कल्याण एवं बाल विकास, अल्पसंख्यक कल्याण, आदिवासी विकास और सामाजिक कल्याण विभाग शामिल होंगे।
सरकार ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर यह कदम हाल ही में गुरुग्राम के रेयान स्कूल में एक बच्चे की हत्या के बाद उठाया है। इसके अलावा भी पिछले कुछ दिनों में स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी कई ऐसी घटनाएं भी सामने आई, जिसमें स्कूल के स्टाफ को ही आरोपी पाया गया।
■ निर्भया फंड से मदद की पेशकश : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने स्कूली बसों में महिला चालक सहित दूसरे स्टॉफ की भर्ती की वकालत करते हुए कहा कि यदि इसके लिए ट्रेनिंग देने आदि की जरूरत पड़ती है तो वह निर्भया फंड से इसके लिए पैसा देने को तैयार है। इतना ही नहीं, मेनका ने इस दौरान जावड़ेकर से स्कूलों में भी महिला कर्मियों को भर्ती को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। मौजूदा समय में स्कूली बसों में सिर्फ पुरुष कर्मचारी ही तैनात है।
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