प्रदेश के डायट्स में प्रशिक्षण सुधारने को आउटसोर्सिग, शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान व कालेजों के अच्छे शिक्षकों का बनेगा पूल, एससीईआरटी में आमंत्रित प्रशिक्षकों को मानदेय देने पर मंथन शुरू
इलाहाबाद : प्रदेश के बेसिक स्कूलों के लिए अच्छे शिक्षक तैयार करने की बड़ी पहल हुई है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट्स अब इस कार्य केलिए आउटसोर्सिग करेंगे। निर्देश है कि हर जिले में चल रहे शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थानों व कालेजों के विषयवार उम्दा शिक्षकों का पूल बनाया जाए और डायट्स उन्हें सुविधा के अनुसार तय तारीखों पर आमंत्रित करेंगी। ऐसे प्रशिक्षकों को मानदेय भी मिलेगा, धनराशि को लेकर मंथन शुरू है। इससे प्रशिक्षण बेहतर होगा और पढ़ाई का माहौल बनेगा।
सूबे में इन दिनों 63 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान व करीब 3419 निजी कालेज हैं, जहां पर डीएलएड (पूर्व बीटीसी) का दो वर्षीय प्रशिक्षण दिया जाता है। हर डायट्स में 200 व निजी कालेजों में 50-50 सीटें आवंटित हैं। ऐसे में दो लाख 30 हजार 75 प्रशिक्षु अब हर साल तैयार होंगे। इनमें अधिकांश प्रशिक्षु बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में नियुक्ति पा रहे हैं।1निजी कालेजों को छोड़िए डायट्स में ही शिक्षक व प्रशिक्षकों की कमी होने के कारण सही से पढ़ाई नहीं हो पा रही है। इसको ध्यान में रखकर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद यानी एससीईआरटी बड़ा बदलाव करने जा रहा है।
निदेशक संजय सिन्हा ने बताया कि अब सभी डायट्स प्राचार्यो को निर्देश दिया गया है कि वह अपने जिले में चल रहे अन्य शिक्षण, प्रशिक्षण संस्थानों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के ऐसे विषयवार उम्दा शिक्षकों का पूल बनाए। इन्हें ही अब डायट्स की शिक्षक प्रशिक्षण गुणवत्ता बेहतर करने के लिए बुलाया जाएगा। साथ ही आमंत्रित प्रशिक्षकों को मानदेय भी मिलेगा। यह नई व्यवस्था इसी प्रशिक्षण सत्र से प्रभावी की जाएगी।
प्राचार्य व प्रवक्ता भी अब पढ़ाएं : डायट प्राचार्यो को सख्त निर्देश दिया गया है कि वह खुद संस्थान में हर दिन कक्षाएं लें। उप प्राचार्य, वरिष्ठ प्रवक्ता भी नियमित कक्षाएं लें। इससे यह स्पष्ट करें कि वह संस्थान के शैक्षिक संकाय सदस्यों से बेहतर प्रशिक्षण दे सकते हैं।प्रशिक्षणार्थियों को मिलेगा परिचय पत्र
एससीईआरटी निदेशक ने यह भी निर्देश दिया है कि डायट्स में कार्यरत सभी शिक्षक यूनीफार्म हों, प्रशिक्षणार्थियों के लिए पहले से ड्रेस में रहने के निर्देश हैं। उसका कड़ाई से अनुपालन किया जाए। वहीं संस्थान स्तर से ही सभी प्रशिक्षण पाने वाले अभ्यर्थियों को परिचय पत्र भी निर्गत किया जाए।
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